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Last Updated : शुक्रवार, 4 सितम्बर 2015 (11:55 IST)

शिक्षक दिवस पर पीएम मोदी की क्लास

शिक्षक दिवस पर पीएम मोदी की क्लास - PM Modi
नई दिल्ली। शिक्षक दिवस से एक दिन पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में स्कूली बच्चों को संबोधित कर रहे हैं। मोदी ने कहा...
 


* भारतीय कपड़ों को बढ़ावा देने का ख्याल कैसे आया? इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं किसी फैशन डिजाइनर को नहीं जानता। लंबा कुर्ता ज्यादा जगह घेरता था। इसलिए इसकी बांह मैंने खुद काटी। अच्छी तरह से रहने का स्वभाव बचपन से। कैनवास जूतों को चमकाने के लिए चॉक घिसता था।

* जाफपुरकलां की पूर्जा शर्मा के सवाल, योग दिवस का विचार कैसे आया, के जवाब में पीएम ने कहा कि आजकल के माता-पिता बहुत व्यस्त। दुनिया को योग का महत्व पता है। 177 देशों ने योग को प्रोत्साहित किया। हर कोई मुझसे योग के महत्व के बारे में पूछता। 21 जून सबसे लंबा दिन, इसलिए योग दिवस के लिए चुना।
* पीएम ने अनामिका डे के सवाल, के जवाब में कहा कि मेरे नसीब में यह नहीं था। यदि में क्लर्क भी बन जाता तो परिवार के लिए बड़ा अवसर होता। मां बाप को अपने सपने बच्चों पर नहीं थोपना चाहिए। बच्चों को जो अच्छा लगता है उसमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
* पुष्प विहार की श्रेया सिंह के सवाल, आपने बोलने की कला कैसे विकसित की, के जवाब में कहा कि अगर आप एक अच्छे श्रोता हैं तो आपको धीरे धीरे ग्रहण हो जाएगा और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। दूसरों की हंसी की चिंता न करें। इन दिनों आप गूगल गुरु के विद्यार्थी हैं। यूट्यूब पर भी स्पीच सुनें। मैं कागज पर इसलिए नहीं लिखता क्योंकि गड़बड़ हो जाती है।
* आपको साहित्य में रुचि कैसे हुई, सवाल के जवाब में कहा कि हर इंसान में कविता का वास होता है। मैं अपने लिखे को कविता नहीं मानता। दुनिया के अपने अनुभव को कागज पर उतारा।
 
* श्रीनगर की राबिया नजीर के सवाल बचपन में आपको क्या आकर्षित करता था, के जवाब में कहा कि मैं परिवार के काम में समय लगाता था। चीजों को बारीकी से समझता था। मेरा ध्यान क्लास से बाहर ज्यादा था।
* बोकारो की अंशिका के सवाल, सफलता की रेसिपी के जवाब में कहा कि विफलता को कभी भी सपनों का कब्रिस्तान नहीं बनने देना चाहिए। जो विफलता से सीखे वही सफल होता है। विफलता की ओर देखने का दृष्टिकोण सफलता की ओर ले जाता है। दुनिया में कोई ऐसा नहीं जो कभी विफल नहीं हुआ है। बच्चों को पोलिएना किताब पढ़ना चाहिए। इसमें सफलता की सीख। मन में ठान लेने से सफलता मिलती है।
* बेंगलुरु के एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा कि देश में अच्छे शिक्षकों की कमी नहीं। बच्चों के माध्यम से मैं शिक्षकों को देखता हूं। आज के युवा शिक्षक क्यों नहीं बनना चाहते? आज के कार्यक्रम से शिक्षकों को प्रेरणा। शिक्षा का पेशा पीढ़ियां तैयार करता है। आईएएस, आईपीएस साल में 100 घंटे पढ़़ाए।


तमिलनाडु की के विशालिनी के सवाल, देश की सेवा हम कैसे कर सकते हैं, के जवाब में कहा कि देश की सेवा के लिए बड़ी-बड़ी चीजें नहीं करनी होती है। छोटी छोटी चीजों से देश की सेवा की जा सकती है। बिजली बचाना, भोजन बचाना, पढ़ना सिखाना भी देश की सेवा है। सिर्फ नेता बनना या फौजी बनना ही देश की सेवा नहीं।
* पटना के अनमोल के सवाल, प्रतियोगी परीक्षाओं से स्कूल की पढ़ाई पर असर और उससे कैसे बचें, के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलाव लाने की कोशिश कर रहा हूं। कैरेक्टर सर्टिफिकेट बांटना अब खानापूर्ति बन रहा है। कैरेक्टर सर्टिफिकेट की जगह अब एप्टिट्यूड सर्टिफिकेट दें। इसमें छात्र के मित्र योगदान दें।
* बेंगलुरु की अनुपमा और उनकी टीम के प्रश्न, स्वच्छ भारत के अभियान की चुनौतियों संबंधी प्रश्न के उत्तर में पीएम ने कहा कि यह अभियान हमारे स्वभाव से जुड़ा। नेता की बात की हर कोई आलोचना करता है लेकिन इसकी सभी तारीफ कर रहे हैं। मीडिया ने कमाई छोड़कर सफाई अभियान को जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। वेस्ट आज की तारीख में बहुत बड़ा बिजनेस है। गांवों में भी गंदे पानी का निकाल बड़ी समस्या, यह हो गया तो बाकी सब तो फर्टिलाइजर बन जाता है। 

 



 

* गोवा की सोनिया निलप्पा पाटिल के प्रश्न, आपको कौन सा खेल पसंद है, के जवाब में कहा कि लड़कियों के खेल में आगे बढ़ने में मां की भूमिका अहम। राजनीति वाले क्या खेल खेल सकते हैं यह सबको पता है। पेड़ पर चढ़ जाना, लटक जाना, कबड्डी खो-खो मेरे खेल। तैराकी, योगा मेरे शौक। मैं सुबह पांच बजे व्यायाम शाला जाता था।
* उत्तराखंड के सार्थक भारद्वाज के सवाल बिना बिजली डिजिटल इंडिया का सपना पूरा कैसे होगा, के जवाब में पीएम ने कहा कि मैं सरकारी अधिकारियों के पीछे लगा हूं कि एक हजार दिन में 18000 गांवों में बिजली पहुंचानी है। 2022 तक 24 घंटे बिजली का लक्ष्य। बिजली नहीं है तो सोलर सिस्टम से भी यह किया जा सकता है। डिजिटल इंडिया सशक्तिकरण का मिशन। इसमें बिजली कभी रुकावट नहीं बनेगी।
* मणिपुर की एक छात्रा के सवाल राजनेता बनने के लिए क्या करें के जवाब में कहा कि देश में राजनीतिक जीवन की इतनी बदनामी हो चुकी है कि लोगों को लगता है कि यहां जाना ही नहीं चाहिए। इसका बहुत नुकसान हुआ। यहां सभी क्षेत्रों के लोगों को आना चाहिए। नेता क्यों बनें यह समझना जरूरी।
 खुद में नेतृत्व क्षमता विकसित करें।
* एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि बड़ा बनने का बड़ा नुकसान होता है। जीवन किसी एक के कारण नहीं बनता। लोग हमें कुछ न कुछ देकर ही जाते हैं। मेरा स्वभाव बचपन से ही जिज्ञासु रहा। इसका मुझे फायदा किया।मेरे गांव में अच्छी लाइब्रेरी थी। विवेकानंद को पढ़ा।

* हमारा काम है पीढ़ियों को पढ़ाना,पीढ़ियों को बढ़ाना।
* संस्कार और अपनत्व का महत्व। 
* बालक मन जितना सिखा सकता है, उतना कोई नहीं सिखा सकता।
* घटनाओं का सही चित्रण बालकों के मन में।
* सभी स्कूल खुद को इससे जोड़ेंगे।
* कला उत्सव में एक कल्पना है।
* आज कला उत्सव की वेबसाइट का शुभारंभ भी किया।
* अपनी पुरानी साड़ी से बच्चों को सिखाया।
* पीएम ने सुनाई टीचर की कहानी।
* शिक्षक देश को बनाते हैं।
* शिक्षा दूसरे व्यवसायों से अलग है।
* 100 डॉक्टर बनाने वाले शिक्षक को याद नहीं किया जाता।
* शिक्षक में विद्यार्थियों के प्रति भक्ति भाव होना चाहिए।
* टीचर कुम्हार की तरह एक-एक बच्चे को संवारता है 
* विद्यार्थी और शिक्षक की जोड़ी जीने की कला सिखाती है, सपने संजोती है।
* शिक्षक को यादगार छात्र पर लिखना चाहिए।
* कलाम ने पढ़ाते-पढ़ाते शरीर छोड़ा।
* कलाम अंतिम समय तक बच्चों के बीच रहे।
* डॉ. कलाम चाहते थे कि उन्हें हमेशा एक शिक्षक के रूप में याद रखा जाए।
* डॉ. कलाम ने राष्ट्रपति पद छोड़ते ही पढ़ाना शुरू कर दिया।
* हमने राधाकृष्णन को तो नहीं डॉ. अब्दुल कलाम को तो देखा है।
* डॉ. राधाकृष्णन के भीतर हमेशा शिक्षक रहा।
* शिक्षक कभी उम्र के बंधन में नहीं बंधता। वह कभी रिटायर नहीं होता।
* बालक का सबसे ज्यादा समय शिक्षक के साथ बीतता है। 


* मां जीवन देती है और गुरु जीवन देता है।
* शिक्षक पर बड़ा दायित्व
* वह अपने पराक्रम से अपने गुरुजनों का नाम रोशन करता है।
* शिक्षक की पहचान विद्धार्थी होता है।
* कल कृष्ण के साथ राधाकृष्ण का भी जन्मदिन।
* मोदी ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर 10 रुपए का सिक्का जारी किया।
* स्मृति ईरानी ने कहा, साल भर पहले एक नई शुरुआत हुई।
* संकल्प को विश्वास में बदला।
* कुछ ही देर में करेंगे छात्रों से बात करेंगे मोदी।
* शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी के साथ पीएम मोदी मंच पर पहुंचे।