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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 10 नवंबर 2016 (13:23 IST)

प्रधानमंत्री ने नोट पर पाबंदी के फैसले को कैसे रखा राज़? पूरी कहानी

प्रधानमंत्री ने नोट पर पाबंदी के फैसले को कैसे रखा राज़? पूरी कहानी - PM decision secrete story
भारत में 500 और 1000 के नोट पर नहीं चलेंगे और इस साल 30 दिसबर के बाद किसी भी बैंक या दूसरी संस्था में ये नोट जमा भी नहीं करवाए जा सकेंगे याने ये नोट पूरी तरह से रद्दी हो जाएंगे। केंद्र सरकार के इस फैैसले को अर्थव्यस्था से कालेधन को निकालने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है। यह ऐतिहासिक फैसला लेने से पहले सरकार की तैयारी पूरी तरह से गोपनीय रही।   

मंगलवार शाम की आठ बजे के बाद जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हज़ार और पांच सौ के पुराने नोटों पर पाबंदी का ऐलान किया पूरे देश में खलबली मच गई।  कोई सोच भी नहीं सकता था कि मोदी यह फैसला लेंगे।  500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का ऐलान कर प्रधानमंत्री ने सबको चौंका दिया। यह सवाल भी तुरंत सामने आयाा कि इसे फैैसले के फायदे नुकसान क्या हैं?  
 
एक हज़ाार और पांच सौ के नोट बंद होने की घोषणा के साथ साथ यह भी महत्वपूर्ण बात थी कि इस अहम फैसले कि जानकारी प्रधानमंत्री ने सीधे ही देश को दी और इस बीच खबर ज़रा भी इधर उधर न हुई। इस खबर की गोपनीयता बरकार रखने में सरकार पूरी तरह से सफल रही है।

इस घोषणा से पहले प्रधानमंत्री ने इसकी पूरी तरह गोपनीयता बरकार रखी। पीएमओ ने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि यह खबर किसी भी तरह से लीक न हो। जानिए किस तरह नोट पर पाबंदी की बात को गुप्त रखा गया। 
 
कैबिनेट की बैठक को परंपरा से अलग मंगलवार को बुलाया गया। मंगलवार शाम की कैबिनेट की बैठक की सूचना मंत्रियों को सुबह दी गई, जो एजेंडा दिया गया उसमें कहीं भी नोट पर पाबंदी का जिक्र नहीं था। याने बैठक से पहले किसी को भी इस बात की भनक भी नहीं थी तक काले धन पर ऐतिहासिक फैसला होने जा रहा है।  
 
बैठक के बाद शाम को प्रधानमंत्री राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले और उन्हें इस फैसले के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने शाम को अपने सरकारी निवास पर राष्ट्र के नाम संदेश रिकॉर्ड कराया और इसके बाद साढ़े सात बजे के आसपास वे सीधे कैबिनेट बैठक में पहुंचे। 
 
शाम आठ बजे जब प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश का प्रसारण शुरू हुआ, तब पीएम अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ कैबिनेट की बैठक में ही थे। एक तरफ पूरा देश प्रधानमंत्री की अहम घोषणा सुन रहा था तो दूसरी तरफ उसी समय प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल के साथ बैठक कर रहे थे।
 
बाद में अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस करके सवालों के जवाब दिए जिससे लोगों को किसी तरह का कोई भ्रम न रहे। खुद प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है आपका पैसा, आपके पास ही रहेगा।  
 
पीएमओ, वित्तमंत्रालय और आरबीआई के अधिकारियों ने नोट पाबंदी मामले में पूरी जानकारी गुप्त रखी। प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद ही पूरे देश को यह मालूम हुआ कि एक हज़ार और पांच सौ के नोट बंद हो रहे हैं।