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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 13 सितम्बर 2017 (15:55 IST)

पेट्रोल से सरकार मालामाल, बढ़े दामों से आम आदमी बेहाल

पेट्रोल से सरकार मालामाल, बढ़े दामों से आम आदमी बेहाल - Petrol prices at three-year high
नई दिल्ली। पेट्रोल के लगातार बढ़ रहे दामों से जहां एक ओर सरकार मालामाल हो रही है तो दूसरी आम आदमी का हाल बेहाल नजर आ रहा है। पिछले दो महीने में पेट्रोल की कीमत एक बार भी कम नहीं हुई है और यह लगातार बढ़ती हुई तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
 
सरकार ने इस साल 16 जून से देश भर में पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना तय करने शुरू किए थे। इसके पीछे उसका तर्क था कि ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम में आई कमी का लाभ तत्काल मिल सकेगा। साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में वृद्धि होने से तेल विपणन कंपनियां तत्काल दाम बढ़ाकर बोझ ग्राहकों पर डाल देंगी और उन्हें नुकसान नहीं होगा।
 
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी ऑयल इंडिया की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार इस साल 13 जुलाई के बाद से 61 दिन में पेट्रोल की कीमत एक बार भी कम नहीं की गई।
 
पेट्रोल की कीमत दिल्ली के लिए 13 जुलाई को 63.91 रुपए तय की गई थी जो बढ़कर 70.38 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है। इसका मतलब साफ है कि ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में आये उतार-चढ़ाव का लाभ नहीं मिल सका है।
 
राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की यह कीमत 15 अगस्त 2014 (72.51 रुपए प्रति लीटर) के बाद का उच्चतम स्तर है। अंतर यह है कि उस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति लीटर से ऊपर थी जो इस समय 55 डॉलर के आसपास है।
 
डीजल की कीमत 29 अगस्त के बाद से कम नहीं की गई है। राष्ट्रीय राजधानी में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंपों पर इसकी कीमत 13 सितंबर को 58.72 रुपए प्रति लीटर है जो 31 अगस्त 2014 (58.97 रुपए प्रति लीटर) के बाद का उच्चतम स्तर है।
 
वहीं मुंबई में इस समय पेट्रोल लगभग 80 रुपए प्रति लिटर मिल रहा है। 2014 के बाद यहां भी पेट्रोल अपने उच्चतम स्तर पर है। 
 
सरकार ने दिखाई चतुराई, रोज तय होते हैं दाम : सरकार ने चतुराई दिखाते हुए जून से 15 दिन के बजाए पेट्रोल-डीजल के दाम रोज तय करने का फैसला किया। इससे लोगों को यह पता ही चल पाता कि पेट्रोल-डीजल के दामों में कितना परिवर्तन हो रहा है। पहले तो जब पेट्रोल डीजल के दाम परिवर्तित होते थे तो अखबारों के माध्यम से पता चल जाता था कि भाव में कितना और क्यों परिवर्तन हो रहा है।