नई दिल्ली। लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के समीप पोस्टर दिखाने और शोरशराबा करने वाले कांग्रेस के 25 सदस्यों को पांच बैठकों के लिए निलंबित करने के अपने निर्णय पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर जा जाने पर उन्हें ऐसी सख्त कार्रवाई करनी पड़ी।
सदन में अपनी इस कार्रवाई के बाद अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘आसन के समीप आना, पोस्टर दिखाना..गलत है, नियमों के खिलाफ है। गलत धारना को तोड़ना जरूरी है। मैंने आज सुबह से प्रयास किया, पिछले आठ दिनों से यह बात कहती आ रही थी कि पोस्टर नहीं दिखाएं।’ उन्होंने कहा, लेकिन हद तो तब हो गई जब स्पीकर को सामने से पोस्टर से ढकने का प्रयास किया गया, मंत्रियों के आगे पोस्टर रखे गए।
कांग्रेस सदस्यों को पांच बैठकों के लिए निलंबित करने के फैसले के काफी सख्त होने के बारे में एक सवाल के जवाब में सुमित्रा ने कहा, ‘मैं ऐसा कभी भी नहीं चाहती थी। यह मेरे स्वभाव में भी नहीं है..सख्त कार्रवाई करना। ऐसी सख्त कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि स्थिति नियंत्रण से बाहर जा रही थी।’
अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, ऐसा इसलिए किया था कि संसदीय लोकतंत्र में विरोधी पक्ष होता है। प्रजातंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार होता है। ‘लेकिन सभी जगह बातों को नियम के तहत रखा जाता है। आसन के समीप आना, पोस्टर दिखाना..गलत है।’
सुमित्रा ने कहा, ‘मेरा काम यह देखना है कि सदन का काम सुचारू रूप से चले, कोई अनहोनी न हो। मैंने अपना पूरा प्रयास किया कि इसे अच्छे ढंग से चलाया जाए।’
संसद में जारी गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि गतिरोध तोड़ना उनका काम नहीं है। ‘इस बारे में वे (सरकार और विपक्ष) तय करें।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा काम यह देखना है कि संसद ठीक ढंग से चले।’
उल्लेखनीय है कि मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर दबाव बनाने के लिए सदन में पोस्टर दिखाने और आसन के समक्ष आने वाले कांग्रेस के 25 सदस्यों को अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की पांच बैठकों के लिए आज निलंबित कर दिया।
निलंबित किए गए सदस्यों में दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, निनोंग ईरिंग, सुष्मिता देव, राजीव सातव, के एच मुनियप्पा, थोकचम मेनिया, रंजीत रंजन, अबु हसन तथा अभिजीत मुखर्जी समेत कुल 25 सदस्य हैं। इससे पहले, पिछले सप्ताह भी अध्यक्ष ने कांग्रेस के एक सदस्य अधीर रंजन चौधरी को इसी आधार पर एक दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित किया था।
अध्यक्ष ने पहले इन सदस्यों के नाम पढ़ते हुए उन्हें चेतावनी दी। चेतावनी देने के बावजूद विपक्षी सदस्या के आसन के समक्ष बने रहने तथा पोस्टर दिखाना और नारेबाजी करना जारी रखे जाने पर अध्यक्ष ने उन्हें नियम 374 ए के तहत अगली लगातार पांच बैठकों के लिए निलंबित कर दिया। (भाषा)