गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Pakistan Border Action Team, BAT, Terrorism
Written By

क्रूर और खूनी इतिहास है पाकिस्तानी BAT का

क्रूर और खूनी इतिहास है पाकिस्तानी BAT का - Pakistan Border Action Team, BAT, Terrorism
पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम यानी BAT का इतिहास काफी काले अध्याय समेटे हुए हैं। इसमें पाकिस्तानी सैनिकों के साथ ही आतंकवादी भी शामिल रहते हैं। आखिर क्या है यह बैट और क्या है इसकी क्रूरता की कहानी...
  • बार्डर एक्शन टीम कह लीजिए या फिर बार्डर रेडर्स। यह टीम एलओसी पर छापामार युद्ध में माहिर है। 
  • ये पाकिस्तान सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के साथ काम करती है।
  • पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इसे सूचनाएं मुहैया करवाती है।
  • बैट एलओसी या सीमा पर दुश्मन के इलाके में एक से तीन किमी अंदर जाकर हमले करती है।
  • चार हफ्ते हवाई युद्ध के साथ ही इनकी कुल ट्रेनिंग करीब 8 महीनों की होती है।
  • इस टीम का मकसद सीमा पार जाकर छोटे-छोटे हमलों को अंजाम देकर दुश्मन में दहशत फैलाना है। हमलों के दौरान बैट इनाम के तौर पर दुश्मन के सिपाहियों का सिर काटकर अपने साथ ले जाती है।
भारतीय सीमा में बैट टीम की बर्बरता की कथाएं :
  • एक मई 2017 को कृष्णा घाटी में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम पर हमला किया गया। दो जवान शहीद हुए। नायब सूबेदार परमजीतसिंह और हेड कांस्टेबल प्रेम सागर के शवों को क्षत-विक्षप्त किया गया।
  • 22 नवंबर 2016 को मच्छेल सेक्टर में बैट के हमले में 3 भारतीय जवान शहीद हुए और एक जवान का सिर काट लिया गया और सिर को वह अपने साथ ले गई।
  • 28 अक्तूबर 2016 को एलओसी पर बीएसएफ के सिपाही मनदीप के शव के साथ बर्बरता की गई और फिर वही घटनाक्रम दोहराया गया।
  • 8 जनवरी 2013 को पुंछ में एलओसी के पास लांसनायक हेमराज सिंह तथा सुधाकर सिंह की हत्या की गई। बैट टीम हेमराज का सिर काट का अपने साथ ले गई।
  • 30 जुलाई 2011 को कुपवाड़ा की गुलदार चोटी पर बैट का हमला हुआ, 6 जवान शहीद हो गए। हमलावर बैट टीम हवलदार जयपाल सिंह तथा देवेंदर सिंह के सिर काटकर अपने साथ ले गई।
  • जून 2008 को 2/8 गोरखा राइफल के जवान को केल सेक्टर में पकड़ा गया और फिर उसका सिर काटकर अपने साथ ले गई।
  • मई व जून 1999 को करगिल में तैनात कैप्टन सौरभ कालिया और उनके 5 साथियों को बंदी बनाया गया था। करीब 22 दिनों तक जवानों को यातनाएं दी गई थीं और बाद में क्षत-विक्षप्त शवों को भारतीय इलाके में फैंक दिया गया था।
ये भी पढ़ें
कांग्रेसियों ने लगाई 'पोल खोल प्रदर्शनी'...