नई दिल्ली। यदि आप किसी ट्रैफिक सिग्नल पर रेड लाइट का उल्लंघन कर रहे हैं या रॉन्ग साइड पर जा रहे हैं, आपने सीट बेल्ट नहीं बांधा है या किसी ट्रैफिक नियम का पालन नहीं किया तो आपको 50000रुपए की बड़ी जुर्माने के तौर पर चुकाना पड़ सकती है।
इससे भी बड़ी बात यह कि यदि आपने अपनी गलती को दोहराया तो यह जुर्माना राशि दुगनी भी हो सकती है यानी आपको 10000 रुपए और 15000 रुपए जैसी भारी रकम जुर्माने के तौर पर अदा करनी पड़ सकती है। इतना ही नहीं, आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक खबर के अनुसार सड़क और परिवहन सुरक्षा कानून के नए बिल के अनुसार, यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों और ट्रैफिक नियम को तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का उल्लेख किया गया है।
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यदि तेज गति में चलते किसी वाहन से किसी बच्चे की मौत हो जाती है, तो गाड़ी के ड्राइवर को 3 लाख रुपए का जुर्माना और 7 साल तक की कैद हो सकती है। वाहन में बच्चों की होने और ऐसी स्थिति में तेज गति में वाहन चलाने पर ड्राइवर को 15000 रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है या उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। बिना हेलमेट के चलने पर आपको 2500 रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है। चलते वाहन में मोबाइल का उपयोग करने पर आपको 4000 से लेकर 10000 रुपए तक का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है।
शनिवार को इस बिल को आम जनता के फीडबैक के लिए ऑनलाइन पोस्ट किया गया। इस बिल के अनुसार न सिर्फ वाहन चालकों को बल्कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए भी कुछ नियम प्रस्तावित किए गए। इसके अनुसार किसी ऑटोमोबाइल कंपनी द्वारा बाजार में त्रुटिपूर्ण वाहन लाने की स्थिति में 5 लाख रुपए के जुर्माने का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा ऐसे ऑटो डीलर जो बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की गाड़ी बेच देते हैं, उन्हें 1लाख रुपए की धनराशि जुर्माने के तौर पर अदा करनी पड़ सकती है।
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शराब पीकर वाहन चलाने की स्थिति में 15000 रुपए से लेकर 50000 रुपए तक की भारी धनराशि का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है, जो सेवन किए गए अल्कोहल की मात्रा पर आधारित है। शराब पीकर वाहन चलाने की स्थिति में 6 माह तक की सजा के प्रावधान का उल्लेख भी इस बिल में किया गया है।
परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, ''ये प्रावधान तीन मुख्य कारणों को देखकर निर्मित किए गए हैं, सड़क दुर्घटना और तेज गति में वाहन चलाना, शराब पीकर वाहन चलाना और सीट बेल्ट, हेल्मेट आदि का उपयोग नहीं करना।''
इस संबंध में भारतीय हाइवे से संबंधित प्रावधानों पर काफी जोर दिया गया है, क्योंकि भारतीय सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में होने वाली 1.38 लाख मौतों में से 63 प्रतिशत मौत केवल हाइवे रोड पर होती हैं। इतना ही नहीं, इस बिल में सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों के लिए 'मोटर दुर्घटना फंड' का भी उल्लेख है, जिसके अनुसार सभी चालकों को अनिवार्य बीमा कराने की बात स्पष्ट की गई है।