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Last Updated : मंगलवार, 11 अप्रैल 2017 (20:27 IST)

मोदी ने किया सुमित्रा महाजन की पुस्तक 'मातोश्री' का विमोचन

मोदी ने किया सुमित्रा महाजन की पुस्तक 'मातोश्री' का विमोचन - Narendra Modi, Sumitra Mahajan, speaker, Ahilya holka
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष और इंदौर से 8 बार की सांसद रही देश की पहली महिला श्रीमती सुमित्रा महाजन ने इंदौर की शासक रहीं अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित 'मातोश्री' नामक एक पुस्तक लिखी है, जिसका विमोचन आज शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली की संसदीय ज्ञानपीठ में अत्यंत गरिमामय समारोह में किया। इस कार्यक्रम में कई सांसद और राज्यसभा सदस्य भी शामिल हुए।
 
सनद रहे कि श्रीमती महाजन न केवल एक अच्छी वक्ता और सांसद हैं बल्कि उनकी पठन और लेखन में भी गहरी दिलचस्पी है। 80 पृष्ठ की इस किताब में उन्होंने देवी अहिल्याबाई के जीवन के विभिन्न कार्यों और चरणों का उल्लेख किया है। किताब का कवर पेज शहर के युवा कलाकार और वेबदुनिया डॉट कॉम के सीनियर इलेस्ट्रेटर सारंग क्षीरसागर ने डिजाइन किया है। कवर की खास बात यह है कि इसमें सारंग ने अहिल्याबाई की मूल छवि के बजाए काल्पनिक छवि को अंकित किया है।  
मंचीय अनुभूति किताब से ही हो, इसलिए पार्श्व में परदा अंकित किया गया है। इसके अतिरिक्त मोनोक्रोम कलर स्कीम में महेश्वर के किले की छवि बनाई गई है। कवर पेज और नाटक को लेकर सुमित्रा महाजन ने न केवल रुचि ली, बल्कि अपने सुझावों से उसे और भी खूबसूरत बनाने में सहयोग दिया। 
 
पुस्तक विमोचन के इस समारोह में शामिल अन्य अतिथियों के साथ इंदौर की महापौर श्रीमती मालिनी गौड़, एमआईसीस सदस्य सुधीर देड़गे, पार्षद विनीता धर्म, दीपिका कमलेश नाचन, ज्योति तोमर के अलावा राजेश अग्रवाल, देवेन्द्र इनानी, राम मूंदड़ा, अशोक डागा और गुलाब ठाकुर पहुंचे थे। 
 
समारोह के बाद देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन हुआ। अहिल्याबाई होलकर मालवा के होलकर घराने से थी। उनके शासन में इंदौर काफी समृद्ध हुआ। अहिल्याबाई का जीवन चुनौतियों से भरा हुआ था (1925 से 1795), जबकि 1767 से 1795 का काल शांति और समृद्ध रहा। 
 
अहिल्याबाई सुशासन, निष्पक्षता और न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध थी। उन्होंने अपने शासन काल में देशभर में मंदिरों, कुओं, प्याऊ, भवनों और घाटों का निर्माण करवाया। वे खुद बहादुर योद्धा के साथ ही साथ कुशल तीरंदाज भी थी। (वेबदुनिया न्यूज)
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