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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 4 सितम्बर 2015 (14:37 IST)

राजनीति में अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा : मोदी

राजनीति में अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा : मोदी - Narendra Modi on teachers day
नई दिल्ली। राजनीति के ज्यादा बदनाम हो जाने के कारण उसमें अच्छे लोगों के आने से डरने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बच्चों से कहा कि जिनमें नेतृत्व की क्षमता और लोगों का कल्याण करने की भावना है तो वे निश्चित रूप से राजनीति में आएं। उन्होंने कहा कि राजनीति में हर क्षेत्र से अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा। प्रधानमंत्री ने शिक्षक दिवस से एक दिन पहले स्कूली बच्चों से बातचीत के दौरान यह बात कही।
 
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से राजनीतिक जीवन इतना बदनाम हो चुका है कि लोगों को इसमें आने से डर लगता है। अच्छे लोग इसमें नहीं आना चाहते। उन्हें इसमें आने से डर लगता है। हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं और राजनीतिक व्यवस्था उसी का हिस्सा है। राजनीति में अच्छे लोग आएं, हर क्षेत्र के लोग आएं तभी देश समृद्ध होगा।
 
मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी का आंदोलन चलाया था तो जीवन के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से लोग उसमें आए जिससे उसे ताकत मिली।
 
दिल्ली छावनी स्थित मानिक शॉ आडिटोरियम में उपस्थित बच्चों और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के विभन्न क्षेत्रों के बच्चों से रूबरू होते हुए राजनीति में आने संबंधी एक बच्ची के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'राजनीति में आना है तो चुनाव लड़ने और कुर्सी पाने की इच्छा की बजाए लोगों के कल्याण की भावना से आएं। लोगों का दुख अगर चैन से सोने न दे और उनके सुख से हम खुशी से ओतप्रोत हो जाएं तभी इसकी सार्थकता है।' उन्होंने कहा कि अगर राजनीति मे आना है तो नेतृत्व क्षमता महत्वपूर्ण है। नेतृत्व क्षमता स्वभाविक भी होती है और इसे धीरे धीरे विकसित भी किया जाता है।
 
बच्चों पर अपनी इच्छाएं थोपने को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि माता-पिता का एक स्वभाव होता है कि जो काम वे खुद नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों के माध्यम से कराना चाहते हैं। यह ठीक नहीं है। और यही सबसे बड़ी कठिनाई है। मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने बच्चों को नहीं जानते, उनकी क्षमताओं के नहीं जानते। थोप देने से बच्चों को सफलता नहीं मिलती।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'सफलता का कोई नुस्खा नहीं होता और होना भी नहीं चाहिए। हमें ठान लेना चाहिए तभी सफलता मिलेगी। जो ठान लेता है, उसे कभी न कभी सफलता मिलती ही है। कठिनाई यह है कि एक विफलता आने से लोग रूक जाते हैं। विफलता को कभी भी सपनों का कब्रिस्तान नहीं बनने देना चाहिए और प्रयास जारी रखना चाहिए।'
 
एक बच्ची द्वारा यह पूछे जाने पर कि उनकी तरह अच्छा वक्ता कैसे बना जा सकता है, मोदी ने कहा, 'अच्छा वक्ता बनने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है।'
 
एक अन्य बच्चे द्वारा उनके अच्छे पहनावे और फैशन डिजाइनर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने हंसते हुए कहा, 'मेरा कोई फैशन डिजाइनर नहीं है और न मैं किसी फैशन डिजाइनर को जानता हूं।’’ उन्होंने कहा कि अपने कुर्ते की बाह उन्होंने अपनी सुविधा और सरलता को देखते हुए खुद काट ली थी। लेकिन मेरा मानना है कि अवसर के अनुसार कपड़े पहनने का प्रयास करना चाहिए।'
 
देश की सेवा करने के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में मोदी ने कहा कि हम अपने सामान्य व्यवहार से, छोटे छोटे कार्यो से देश की सेवा कर सकते हैं। बिजली बचा कर, खाना बचा कर हम देश की सेवा कर सकते हैं। हमारे घरों में काम करने आने वाली महिला को शिक्षित बनाकर हम देश की सेवा कर सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि स्कूल से सभी को चरित्र प्रमाणपत्र मिलता है । मैंने कहा है कि चरित्र प्रमाणपत्र के बजाय ‘अर्भिरूचि प्रमाणपत्र’ दिया जाए।
 
प्रधानमंत्री ने आह्वान किया कि अपने अपने करियर में बहुत अच्छा काम करने वाले लोगों को हर सप्ताह कम से कम एक घंटे या एक साल में 100 घंटे का समय छात्रों को पढ़ाने में लगाना चाहिए। (भाषा)