क्या है मोदी की पत्नी जशोदा बेन की ख्वाहिश
नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान नामांकन में अपनी पत्नी जसोदा बेन का उल्लेख किया था, तभी से जशोदा बेन चर्चाओं में आ गई। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में जशोदाबेन ने कहा कि मुझे वे एक बार बुला लें तो मैं चली जाऊं। वे अब भी मेरे बारे में सोचते होंगे, ये मैं यकीन के साथ कह सकती हूं। जशोदाबेन के मुताबिक वे 43 सालों से नरेंद्र मोदी से अलग रह रही हैं, लेकिन उन्हें संतोष है कि कम से कम वे प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में पहचानी जा रही हैं। 16 मई के बाद जैसे नरेंद्र मोदी का जीवन बदला है, जशोदाबेन की जिंदगी में भी कई तब्दीलियां आई हैं। स्कूल में अध्यापिका रहीं जशोदा अब दिन-रात पुलिस की सुरक्षा में रहती हैं।
गुजरात पुलिस के पांच सिपाही जशोदाबेन के साथ साए की तरह रहते हैं। ये अलग बात है कि जशोदा अगर बाजार जाती हैं तो वे ऑटो से होती हैं और सुरक्षाकर्मी कार में। प्रधानमंत्री ने भी लोकसभा चुनाव के लिए भरे पर्चे में जशोदाबेन को अपनी पत्नी बताया था। मोदी और जशोदाबेन का विवाह 1968 में हुआ था। हालांकि विवाह के बाद वे दोनों साथ नहीं रहे।
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लगभग 40 साल तक स्कूल में अध्यापिका रही जशोदाबेन अब ठीक से सुन नहीं पाती हैं। वे बनांसकांठा जिले के राजोशाना गांव में एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती थीं। जशोदाबेन ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए वे सप्ताह में चार दिन व्रत करती हैं और चावल नहीं खातीं। उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा होती है कि वे प्रधानमंत्री के साथ रहे हैं, लेकिन मीडिया हमेशा इसे गलत तरीके से दिखाता है।
जसोदा बेन कहती हैं कि मैं जाऊंगी और उनकी सेवा करूंगी। वह मुझे बस एक बार बुला लें, मैं साथ चली जाऊंगी। मैं उनके साथ नया जीवन शुरु करना चाहती हूं। लेकिन उन्हें ही पहल करनी होगी।' उन्होंने बताया कि उन्हें मीडिया से बात करने में कभी भी परेशानी नहीं हुई। लेकिन उन पर ये दबाव डाला जाता रहा कि वे मीडिया से बात न करें।
हालांकि जशोदाबेन ने ये नहीं बताया कि उन पर ये दबाव किस ने डाला। उन्होंने बताया,' मेरी कई बार इच्छा हुई कि मैं बताऊं कि मैं मोदी की पत्नी हूं। मैँ अपनी शादी के बारे में बात करना चाहती थी। लेकिन मैं किससे करती?
जशोदाबेन ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए वे सप्ताह में चार दिन व्रत करती हैं और चावल नहीं खातीं। उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा होती है कि वे प्रधानमंत्री के साथ रहे हैं, लेकिन मीडिया हमेशा इसे गलत तरीके से दिखाता है। (एजेंसियां)