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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 26 मई 2017 (10:41 IST)

नरेंद्र मोदी सरकार के आज तीन साल पूरे, जश्न और संबोधन

नरेंद्र मोदी सरकार के आज तीन साल पूरे, जश्न और संबोधन - Narendra Modi government's 3-year anniversary:
आज 26 मई को नरेंद्र मोदी की सरकार के तीन वर्ष पूरे हो गए। इस मौके पर केंद्र सरकार ने 26 मई से लेकर 15 जून तक देशभर के 900 शहरों में 'मोदीफेस्ट' मनाने का फैसला किया है। मोदी खुद इस 'फेस्ट' की शुरुआत असम के गुवाहटी में एक जनसभा को संबोधित करने के साथ धोला-सदिया पुल का उद्घाटन करके करेंगे। 'मेकिंग ऑफ डेवलप्ड इंडिया' या 'मोदीफेस्ट' कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान मोदी एक दिन में लगभग एक हजार किलोमीटर की हवाई यात्रा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने 26 मई 2014 को सत्ता संभाली थी।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले गुरुवार रात ट्वीट किया, मैं कल असम में रहूंगा और कई कार्यक्रमों में भाग लूंगा। मैं असम की जनता से बातचीत करने के इस अवसर का उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं।' इसके बाद प्रधानमंत्री गुवाहाटी में ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडीकल साइंसेज (एम्‍स) का शिलान्‍यास करेंगे। यह गुवाहाटी से 28.5 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में खोला जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री अपनी यात्रा का समापन असम और मेघालय सीमा पर स्थित खानापारा में राजनैतिक रैली कर करेंगे।

नया नारा : 
इस मौके पर मोदी सरकार ने नया नारा दिया है:- 'साथ है विश्वास है, हो रहा विकास है।'
शुक्रवार को इस स्लोगन को विभिन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रेडिया पर चलाया जाएगा और साथ ही आज के कई न्यूजपेपर में इसे पब्लिश किया गया है। खुद पीएम मोदी भी इस नारे को पेश करेंगे। इस विज्ञापन के साथ मोदी सरकार ने अपनी तीन साल की कई उपलब्धियां भी गिनाई हैं।
 
 
पुल की खासियत :
यह पुल देश का सबसे लंबा नदी पर बनाया गया रिवर ब्रिज (नदी पुल) है। यह पुल असम के पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे इलाके में बना है। ब्रह्मपुत्र नदी पर बना 9.15 किमी. लंबा यह पुल एशिया का दूसरा सबसे लंबा रिवर ब्रिज है। यह असम में तिनसुकिया जिले के धोला और सदिया को जोड़ता है। देश का यह सबसे लंबा पुल 60 टन के युद्धक टैंक के भार को झेल सकता है। ये पुल इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां से चीन बॉर्डर की हवाई दूरी करीब 100 किमी है। इस पुल के जरिए सेनाओं की चीन बॉर्डर (वैलोंग-किबिथू सेक्टर) तक आवाजाही आसान हो जाएगी। असम के उत्तरी और दक्षिणी इलाके के इस पुल से जुड़ने के बाद विकास की पहुंच असम के पूर्वोत्तर इलाके तक पहुंचेगी।
 
चीन से मिलने वाली किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए भारत अब उत्तर की सीमाओं तक पहुंचने के रास्ते सुगम बनाने में लगा हुआ है। कश्मीर घाटी में पहुंचने के लिए हाल ही में सरकार ने जम्मू-कश्मीर के चनैनी और नाशरी के बीच बनी यह 28 किमी। लंबी सुरंग देश की सबसे लंबी सुरंग का उद्घाटन किया है। यह सुरंग विपरीत मौसम में भी चालू रहेगी। इसके अलावा उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर भी बात आगे बढ़ गई है. यह रेल मार्ग भी सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
 
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने मोदी सरकार के तीन साल के जश्न से राजग मुख्यमंत्रियों को दूर रखा है। प्रधानमंत्री मोदी के तीन साल की उपलब्धियों को जनता के बीच रखने के लिए पार्टी ने मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और सांसदों का जो कार्यक्रम बनाया है। उनमें राजग शासित मुख्यमंत्रियों में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू का नाम नहीं है।
 
हालांकि केंद्र की मोदी सरकार में शामिल मंत्रियों का नाम तीन साल के कार्यक्रमों की सूची में है। मगर उनके कार्यक्रम आयोजन का जिम्मा पार्टी ने प्रदेश इकाई पर छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि अमूमन राज्यों में राजग सहयोगियों के साथ प्रदेश भाजपा के साथ रिश्ते मधुर नहीं है। 
 
कश्मीर के हालातों को देखते हुए भाजपा ने यहां जश्न के कार्यक्रम से अभी दूरी रखी है। जम्मू के लिए पार्टी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टमटा और प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना को भेजने का कार्यक्रम बनाया है। मगर कश्मीर के श्रीनगर समेत पूरे घाटी में कार्यक्रमों का जिम्मा प्रदेश इकाई पर छोड़ दिया है। 
 
मोदी सरकार के 3 साल जश्न के जरिए पार्टी अपने आधार के विस्तार में भी जुटी हुई है। यही वजह है कि तीन साल के जश्न के कार्यक्रमों के आयोजन स्थल चुनने में उन्हीं राज्यों पर जोर दिया जा रहा है। जहां पार्टी की सरकारें नहीं हैं। कार्यक्रमों की तैयारी से जुडे़ एक महासचिव ने अमर उजाला को बताया कि पार्टी का जोर गैर भाजपा शासित राज्यों में ज्यादा है।  उक्त नेता के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ भाजपा जोरदार हमला बोलेगी। ममता के खिलाफ अक्रामक अभियान के लिए सूबे में 60 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित होंगे। 
 
केंद्र सरकार के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सुरेश प्रभु, संतोष गंगवार और स्मृति ईरानी सरीखे मंत्री ममता के खिलाफ भाजपा के सियासी हमले को धार देंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और झारखंड के मुखमंत्री रघुवर दास को भी पार्टी ने ममता के खिलाफ आगे करने का निर्णय लिया है। पश्चिम बंगाल के अलावा भाजपा की नजर केरल, ओडिशा और कर्नाटका पर है। ओडिशा में नवीन बाबू की नींव हिलाने के लिए पार्टी की ओर से करीब 5 दर्जन कार्यक्रम किए जाएंगे। तो केरल में भी भाजपा तीन दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम करेगी। यहां केंद्र सरकार के वरिष्ठ 5 मंत्रियों को भेजा जा रहा है। (एजेंसी)