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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 27 मार्च 2015 (13:14 IST)

एलपीजी सब्सिडी पर क्या बोले नरेन्द्र मोदी

एलपीजी सब्सिडी पर क्या बोले  नरेन्द्र  मोदी - Narendra Modi
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अमीरों से सब्सिडी वाले रसोई गैस कनेक्शन छोड़ने की अपील की और कहा कि उनकी सरकार 2022 में उर्जा आयात पर निर्भरता 10 प्रतिशत कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 














 
पेट्रोलियम कंपनियों की अगले चार साल में पाइप्ड रसोई गैस कनेक्शन मौजूदा 27 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ परिवार करने की योजना साझा करते हुए मोदी ने कहा कि 2.8 लाख उपभोक्ताओं द्वारा एलपीजी सब्सिडी वापस करने के फैसले से 100 करोड़ रुपए की बचत होगी।

मोदी ने यहां आयोजित ‘ऊर्जा संगम’ में कहा कि मैंने एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की छोटी सी बात कही थी। 2.8 लाख लोगों इस पर सकारात्मक पहल की और इससे कम से कम 100 करोड़ रुपए की बचत होगी। इस 100 करोड़ रुपए का उपयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया जा सकता है। 
 
सरकार द्वारा रसोई गैस सब्सिडी को सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में डालने की डीबीटी की नई योजना शुरू करने के बाद से कई लोग स्वेच्छा से सब्सिडी योजना से बाहर हुए हैं।
 
मोदी ने कहा कि जनधन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में 12 करोड़ लोगों को सीधे गैस सब्सिडी पहुंचाई जा रही है। इस तरह की यह अपने आप में दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना है। इससे सब्सिडी की गड़बड़ी बंद करने और भ्रष्टाचार से प्रभावशाली तरीके से निपटने में मदद मिली है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए यदि संस्थागत प्रणाली, पारदर्शी प्रणाली, नीतिगत प्रणाली अपनाई जाती है तो हम गड़बड़ी बंद कर सकते हैं और यह नकदी अंतरण से साबित हो गया है।
 
भारत द्वारा 77 प्रतिशत पेट्रोलियम पदाथरें के आयात पर निर्भरता का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि 2022 तक इसमें 10 प्रतिशत कमी लाने की कोशिश होनी चाहिए। वर्ष 2022 में जब देश अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वषर्गांठ मना रहा होगा तब देश में पेट्रोलियम पदार्थों के आत पर निर्भरता कम होनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि हम 2022 में इस आयात में कम से कम 10 प्रतिशत कम कर सकेंगे। इस 10 प्रतिशत का उत्पादन हम स्वयं करेंगे और यह हमारा सपना होना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि यदि हम घरेलू उत्पादन में 10 प्रतिशत वृद्धि कर 2022 तक पेट्रोलियम आयात 10 प्रतिशत घटाने में कामयाब हुए तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि 2030 तक हम इसका आयात घटाकर 50 प्रतिशत कर सकते हैं। (भाषा)