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Last Updated : सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (16:20 IST)

देश का दुर्भाग्य है कि राजनीतिज्ञ सब जगह हैं-मोदी

देश का दुर्भाग्य है कि राजनीतिज्ञ सब जगह हैं-मोदी - Narendra Modi
नई दिल्ली। चिकित्सा शोध में भारत के काफी पीछे रहने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने इस क्षेत्र में काफी कुछ किए जाने की जरूरत बताई और एम्स से पढ़ाई पूरी करने वाले डाक्टरों  से उस समाज के लिए योगदान करने को कहा जिसने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया। प्रधानमंत्री ने डाक्टरों से साल में कम से कम एक सप्ताह दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के बीच  काम करने को कहा।

 
एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मोदी  ने कहा कि आप काफी सौभाग्यशाली हैं कि आपको एम्स जैसे संस्थान में अध्ययन करने का मौका  मिला। मुझे आपसे उम्मीद है कि भारत मां के बच्चों के रूप में आप उस समाज के लिए योगदान  करेंगे जिसने आपको इतना प्यार दिया। मोदी ने कहा कि भारतीय डाक्टरों ने दुनियाभर में नाम  कमाया है लेकिन इस क्षेत्र में शोध में भारत अन्य देशों से काफी पीछे है।

मोदी ने कहा कि शोध के क्षेत्र में हमें ‘केस हिस्ट्री’ के प्रति ज्यादा सजग रहना चाहिए। हमें मरीजों की ‘केस हिस्ट्री’ को दर्ज करना चाहिए और इससे हमें दो-तीन वर्षों में बहुमूल्य जानकारी मिल सकती है। यह संभव है कि आप में से कुछ लोग शोध वैज्ञानिक बन जाएं। एम्स के 40 प्रतिशत से अधिक डॉक्टरों के काम के लिए विदेश जाने की स्वास्थ्य मंत्री हषर्वर्धन की टिप्पणी के संदर्भ में मोदी ने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि क्या उनके मन में देश को वापस कुछ देने की बात आती है क्योंकि उन्हें तैयार करने में देश के बजट के विभिन्न क्षेत्र से खर्चा किया जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आपके पठन-पाठन का अंत नहीं है बल्कि अब आप कक्षा के बंद कमरों में पढ़ाई के दायरे से बाहर निकलकर ‘खुली कक्षा’ में जा रहे हैं। आपको अपने अंदर के छात्र की भावना को जीवित रखना चाहिए ताकि आप अपने पेशे में ऊंचाइयों पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि कई लोगों और समाज के वर्गों ने कुछ न कुछ किया है और कुछ बलिदान दिया है तब जाकर वे डॉक्टर बन सके हैं। प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों से अपने पेशे में आगे बढ़ते हुए इस बात को ध्यान में रखने को कहा।

मोदी ने कहा कि आपको (डाक्टरों) मरीजों के साथ इस भावना से काम करना चाहिए कि मरीजों का आप पर हक है। मुझे उम्मीद है कि समाज को आपके काम का लाभ मिलेगा और स्वस्थ भारत का सपना हासिल किया जा सकेगा।

मोदी ने कहा कि यह बात ध्यान में रखी जानी चाहिए कि आपके पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने किसी न किसी रूप में आपकी मदद की है और उसका आपके ऊपर अधिकार है। इसका कर्ज चुकाना आपका कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने हालांकि कहा कि भारत जैसे बड़े देश में चिकित्सा क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए बदलाव की जरूरत है। डॉक्टरों को इस क्षेत्र की नवोन्मेषी पहल से अवगत होना चाहिए और तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी को आत्मसात करना चाहिए।

तैतरीय उपनिषद का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि डॉक्टरों की छोटी पहल या मरीजों से संक्षिप्त बातचीत ही व्यक्ति विशेष में जीवन का संचार कर सकती है क्योंकि समाज में डॉक्टरों पर काफी भरोसा किया जाता है। इस बात को दिनचर्या में शामिल किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि अच्छे और खराब डॉक्टर में इतना अंतर होता है कि अच्छे डॉक्टर से मरीज के तार जुड़े होते हैं जबकि दूसरा (खराब डॉक्टर) काफी जानकारी होने के बाद भी मरीज के शरीर के बीमार अंग को एक उपकरण ठीक करने के रूप में लेता है। उन्होंनें कहा कि आपको मरीजों के बीच लोकप्रिय होना चाहिए क्योंकि वे आपका अनुसरण करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक मरीज यह सोच सकता है कि अगर डॉक्टर खुद ही धूम्रपान कर रहा है तब मैं इसकी चिंता क्यों करूं। आप उदाहरण हैं, आपको यह ध्यान रखना चाहिए। मोदी ने कहा कि ऐसे दीक्षांत समारोहों में गरीब छात्रों को ‘विशेष अतिथि’ के रूप में आमंत्रित किया जाना चाहिए क्योंकि यह उन्हें ऐसी प्रेरणा देगा, जितना कोई शिक्षक भी नहीं दे सकता है।

मोदी ने संबोधन के समापन पर कहा कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि उन्हें इस समारोह के लिए क्यों निमंत्रित किया गया, क्योंकि न तो वह एक अच्छे मरीज़ हैं और न ही डॉक्टर। मुझे निमंत्रित किया गया क्योंकि मैं प्रधानमंत्री हूं। यह देश की बदकिस्मती है कि हम (राजनीतिक) सभी जगह हैं। (भाषा)