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Last Updated : सोमवार, 22 फ़रवरी 2021 (14:41 IST)

भारत के पास हथियार और सैन्य उपकरण बनाने का पुराना अनुभव, कदम उठाने की जरूरत- मोदी

Narendra Modi | भारत के पास हथियार और सैन्य उपकरण बनाने का पुराना अनुभव, कदम उठाने की जरूरत- मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत के पास हथियार एवं सैन्य उपकरण बनाने का सदियों पुराना अनुभव है, लेकिन देश की आजादी के बाद अनेक वजहों से इस व्यवस्था को उतना मजबूत नहीं किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अब अपनी रक्षा विनिर्माण क्षमता को तेज गति से बढ़ाने को प्रतिबद्ध है। रक्षा क्षेत्र में केंद्रीय बजट प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने की दिशा में उठाए गए कदमों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि आजादी के पहले हमारे यहां सैकड़ों तोपखाने (ऑर्डनेंस फैक्टरियां) होती थीं। दोनों विश्वयुद्धों में भारत से बड़े पैमाने पर हथियार बनाकर भेजे गए थे, लेकिन आजादी के बाद अनेक वजहों से इस व्यवस्था को उतना मजबूत नहीं किया गया जितना कि किया जाना चाहिए था।
 
मोदी ने कहा कि स्थिति ऐसी हो गई है कि छोटे हथियारों के लिए भी दूसरे देशों की ओर देखना पड़ता है। भारत सबसे बड़े रक्षा खरीददारों में शामिल है और यह गर्व का विषय नहीं है तथा ऐसा नहीं है कि भारत में प्रतिभा या क्षमता की कमी है। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि कोरोना काल से पहले भारत वेंटिलेटर नहीं बनाता था, लेकिन अब हजारों की संख्या में वेंटिलेटर बन रहे हैं।
मोदी ने कहा कि ऐसा भारत जो मंगल ग्रह तक जा सकता है, वह आसानी से आधुनिक हथियारों का निर्माण कर सकता है लेकिन विदेशों से हथियारों का आयात आसान रास्ता बन गया है। लेकिन अब भारत स्थितियों को बदलने के लिए कठिन परिश्रम कर रहा है और भारत अब अपनी रक्षा विनिर्माण क्षमता को तेज गति से बढ़ाने को प्रतिबद्ध है। इसके लिए समयसीमा इसलिए रखी गई है ताकि हमारे उद्योग इन ज़रूरतों को पूरा करने का सामर्थ्य हासिल करने के लिए योजना तैयार कर सकें।
 
उन्होंने कहा कि भारत ने रक्षा क्षेत्र से जुड़े ऐसे 100 महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों की सूची बनाई है जिन्हें हम अपने स्थानीय उद्योग की मदद से ही बना सकते हैं। यह वैसी सकारात्मक सूची है, जो अपनी रक्षा ज़रूरतों के लिए हमारी विदेशों पर निर्भरता को कम करने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट के बाद भारत सरकार अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के साथ चर्चा करके बजट को कैसे-कैसे लागू किया जाए और बजट के लिए साथ मिलकर कैसे एक खाका तैयार हो, इस पर काम कर रही है। (भाषा)
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