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Last Updated : रविवार, 21 अक्टूबर 2018 (15:48 IST)

मोदी बोले, भारत को विदेशी चश्मे की बजाय स्वदेशी चश्मे से देखें

मोदी बोले, भारत को विदेशी चश्मे की बजाय स्वदेशी चश्मे से देखें - Modi said, look at indigenous glasses instead of foreign glasses.
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी की लड़ाई में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के योगदान का स्मरण करते हुए भारत को विदेशी चश्मे की बजाय स्वदेशी चश्मे से देखने और नेताजी के बताए रास्तों पर चलकर नए भारत के निर्माण में लोगों की भागीदारी का आह्वान किया है।
 
 
मोदी ने रविवार को लाल किले की प्राचीर से आजाद हिन्द सरकार की स्थापना के 75 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी 'बांटो और राज करो' की नीति को जड़ से उखाड़ना चाहते थे। उन्होंने नए भारत का सपना देखा था लेकिन आजादी के बाद वह पूरा नहीं हुआ। विध्वंसकारी शक्तियां देश की एकता और संविधान पर हमले कर रही हैं। इस अवसर पर नेताजी के भतीजे, आजाद हिन्द फौज के उनके साथी और स्वतं‍त्रता सेनानी भी मौजूद थे।
 
प्रधानमंत्री ने देश को आजादी मिलने से पहले आजाद हिन्द फौज के मुकदमे की लाल किले पर सुनवाई और समानांतर सरकार के गठन का जिक्र करते हुए कहा कि नेताजी का एकमात्र उद्देश्य मां भारती को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करना था। जगत सेवा ही उनका भाव था और इसके लिए उन्होंने यातनाएं सहीं। वे पहले गांधीजी के साथ रहे, पर बाद में सशस्त्र क्रांति का मार्ग अपनाया और उस अंग्रेज सरकार से संघर्ष किया जिसके राज्य में कभी सूर्य अस्त ही नहीं होता था। (वार्ता)
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