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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 10 जनवरी 2018 (15:21 IST)

बड़ी खबर, मोदी सरकार ने बदले एफडीआई के नियम

बड़ी खबर, मोदी सरकार ने बदले एफडीआई के नियम - Modi cabinet changes FDI rules
नई दिल्ली। सरकार ने विमानन कंपनी, खुदरा कारोबार और निर्माण सेवा क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में छूट दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया में विदेशी विमानन कंपनी को 49% तक निवेश की अनुमति दी गई है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकल ब्रांड खुदरा व्यापार, निर्माण सेवा गतिविधियों में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे दी है। इसके लिए सरकारी अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
 
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके साथ ही विदेशी विमानन कंपनी को एयर इंडिया में 49% तक हिस्सेदारी लेने की भी अनुमति दी गई है, हालांकि इसके लिए विदेशी विमानन कंपनी को मंजूरी लेनी होगी।
 
एयरलाइंस में विदेशी निवेश संबंधी अब तक की नीति के अनुसार अनुसूचित और गैर-अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं के क्षेत्र में काम कर रही भारतीय कंपनियों की चुकता पूंजी में विदेशी विमानन कंपनी 49% तक हिस्सेदारी ले सकती हैं। लेकिन यह प्रावधान एयर इंडिया पर लागू नहीं था।

अब यह तय किया गया है कि इस प्रतिबंध को समाप्त कर दिया जाए और विदेशी विमानन कंपनियों को मंजूरी लेकर एयर इंडिया में 49% तक हिस्सेदारी में निवेश की अनुमति दी जाए। नियमों में दी गई इस रियायत के साथ कुछ शर्तें भी रखी गई हैं।
 
वक्तव्य में कहा गया है कि एयर इंडिया में होने वाला विदेशी निवेश विदेशी विमानन कंपनी सहित प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से 49% से अधिक नहीं होगा और कंपनी का मालिकाना बड़ा हिस्सा तथा उसका प्रभावी नियंत्रण किसी भारतीय नागिरक के हाथ में ही होगा।
 
सरकार का मानना है कि इस फैसले से कारोबार सुगमता बढ़ेगी तथा देश में एफडीआई प्रवाह बढ़ेगा। इससे निवेश बढ़ने के साथ-साथ आय और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसमें आगे स्पष्ट किया गया है कि रीयल एस्टेट ब्रोकिंग सेवाओं को रीयल एस्टेट व्यवसाय नहीं माना जाना चाहिए, इसलिए इस तरह की सेवाएं स्वत: मंजूरी मार्ग से 100% एफडीआई के योग्य हैं।
 
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विदेशी संस्थागत निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को प्राथमिक पूंजी बाजार के जरिए ‘ऊर्जा एक्सचेंज’ में निवेश की भी अनुमति दे दी। अब तक केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग (पावर मार्किट) नियमन 2010 के तहत पंजीकृत ‘पावर एक्सचेंज’ में स्वत: मंजूरी मार्ग से 49% एफडीआई की अनुमति थी। लेकिन इसमें एफआईआई और एफपीआई की खरीदारी केवल द्वितीयक बाजारों तक ही सीमित थी। (भाषा) 
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