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Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: बुधवार, 3 अप्रैल 2019 (16:03 IST)

...तो कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा, महबूबा के बिगड़े बोल

...तो कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं रहेगा, महबूबा के बिगड़े बोल - Mehbooba Mufti controversial statement on Jammu and Kashmir
जम्मू। जम्मू कश्मीर में लोकसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव प्रचार के क्रम में नेताओं के बिगड़े बोल का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अगर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हुआ तो कश्मीर हिन्दुस्तान का ताज नहीं रहेगा।
 
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बड़ा विवादित बयान देते हुए कहा कि हम जम्मू-कश्मीर की विलय संधि खत्म करने की डेडलाइन देते हैं। यह बात मुफ्ती ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग से अपना नामांकन दाखिल करने के बाद कही।
 
उन्होंने आगे कहा कि अगर अमित शाह 35ए तथा 370 पर डेडलाइन दे रहे हैं, तो उनकी पार्टी भी एक डेडलाइन देती है। हम जम्मू कश्मीर की विलय संधि खत्म करने की डेडलाइन देते हैं। महबूबा मुफ्ती इससे पहले भी कह चुकी हैं कि अमित शाह धारा 370 और 35ए को हटाने वाले सपने दिन में ही देख रहे हैं।
 
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर के साथ जो भी शर्त है उससे अगर छेड़छाड़ की गई तो 2020 तक जम्मू कश्मीर और भारत के बीच रिश्ता खत्म हो जाएगा।
 
मुफ्ती ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि साल 2020 तक जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा लिया जाएगा। इस दौरान महबूबा ने कांग्रेस नेता कर्णसिंह को घेरते हुए कहा कि आपके पिता महाराजा हरिसिंह ने राज्य में आर्टिकल 370 लागू किया था, लेकिन आप अब अलग भाषा बोल रहे हैं।
 
महबूबा ने कहा कि मुझे लगता है कि यह बहुत गलत है और कर्णसिंह के व्यक्तित्व के मुताबिक नहीं है। कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर उन्होंने कहा कि उनका वादा वैसा ही जैसा भाजपा के साथ गठबंधन के एजेंडे में मुफ्ती मुहम्मद सईद ने पेश किया था। इतना जरूर था कि जहां महबूबा के इस वक्तव्य का समर्थन नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स कांफ्रेंस के अतिरिक्त अलगाववादियों द्वारा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इससे राज्य ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है।
 
अनंतनाग से पर्चा भरा : महबूबा ने बुधवार को उस अनंतनाग लोकसभा सीट से अपना नामांकन भरा है, जिसके सभी जिलों में एक ही चरण में नहीं बल्कि तीन चरणों में मतदान होना है। आतंकी हिंसा के मद्देनजर 23 अप्रैल को अनंतनाग जिले में चुनाव होगा। 29 अप्रैल को कुलगाम और छह मई को पुलवामा जिले में मतदान करवाया जाएगा।
 
अनंतनाग लोकसभा सीट के रिटर्निंग अफसर खालिद जहांगीर के अनुसार अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबंधों के बीच तीन चरणों में लोकसभा सीट के तहत आने वाले तीन जिलों अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा में मतदान करवाया जाएगा। उनके अनुसार करीब 13 लाख मतदाता वोट कर सकेंगे और यहां करीब 1800 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और सभी मतदान केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।
 
दक्षिणी कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इस संसदीय सीट पर नेकां का पांच बार कब्जा रहा है। इस सीट के लिए 10 बार हुए चुनाव में चार बार कांग्रेस, पांच बार नेशनल कांफ्रेंस, दो बार पीडीपी तथा एक बार जनता दल को जीत मिली है। 2014 के चुनाव में महबूबा मुफ्ती ने इस सीट पर कब्जा जमाया। हालांकि, मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन ढाई साल से अधिक समय से इस सीट के लिए चुनाव नहीं हो पाया।
 
इस लोकसभा सीट में 16 विधानसभा क्षेत्र-त्राल, पुलवामा, राजपोरा, वाचि, शोपियां, नूराबाद, कुलगाम, होमशालिबग, अनंतनाग, देवसर, डोरू, कोकरनाग, बिजबिहाड़ा, पहलगाम आते हैं। इस सीट से चुनाव जीतने के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद देश के गृहमंत्री बने थे।
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