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Last Modified: मंगलवार, 22 नवंबर 2016 (19:54 IST)

नोटबंदी : मनीष सिसोदिया, कपिल मिश्रा हिरासत में

नोटबंदी : मनीष सिसोदिया, कपिल मिश्रा हिरासत में - Manish Sisodia, Kapil Mishra, Indian currency ban
नई दिल्ली। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उनके कैबिनेट सहकर्मी कपिल मिश्रा को मंगलवार को उस वक्त हिरासत में ले लिया गया, जब उन्होंने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के केंद्र के फैसले का विरोध करने के लिए जंतर-मंतर से संसद तक मार्च करने की कोशिश की।
मार्च शुरू करने से पहले सिसोदिया ने नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वे लोगों को रूलाकर खुद घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
 
सिसोदिया ने जंतर-मंतर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा, मोदी ने अपनी निजी और राजनीतिक जिंदगी में जो कुछ किया है, उस वजह से हम उन्हें पसंद नहीं करते। ये नोटबंदी नहीं नोट-बदली है। कश्मीर में आतंकवादियों के पास 2000 रुपए के नोट बरामद हुए हैं। आतंकवादियों को वे नोट कहां से मिल रहे हैं? या तो आपको खामियों का पता ही नहीं है, या आप इसमें शामिल हैं। 
 
उन्होंने कहा, वे हर वक्त रोते रहते हैं और लोगों को रूलाते रहते हैं, लेकिन वे घड़ियाली आंसू बहाते हैं। नोटबंदी के फैसले को वापस लेना चाहिए। लोग यही चाहते हैं। सिसोदिया के साथ इस सभा में उनके कैबिनेट सहकर्मी गोपाल राय, कपिल मिश्रा और सत्‍येंद्र जैन भी मौजूद थे।
 
उप मुख्यमंत्री ने कहा, न तो आतंकवादियों को पैसे मिलने रूके, न ही जाली नोट रूके और न ही कालाबाजारी रूकी। सरकार के पास वन रैंक, वन पेंशन मांग रहे सैनिकों को देने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन उद्योगपतियों की कर्ज माफी के लिए पैसे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो अभी पंजाब में हैं, की ओर से कल नोट नहीं, प्रधानमंत्री बदलो का नारा दिए जाने के बाद आज मार्च में भी यह नारा खूब गूंजा।
 
गोपाल राय ने कहा, प्रधानमंत्री फिर भावुक हो गए...उन्हें कोई समर्थन नहीं मिल रहा। लिहाजा, वे रो रहे हैं। लड़ाई को सड़कों तक ले जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने बीते आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। विपक्षी पार्टियां सरकार के इस फैसले की आलोचना कर रही हैं। इस बीच, करीब एक घंटे बाद दोनों मंत्रियों को संसद मार्ग पुलिस थाने से छोड़ दिया गया। (भाषा) 
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