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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (18:41 IST)

महाराष्ट्र चुनाव : भाजपा का वोट प्रतिशत दोगुना हुआ

महाराष्ट्र चुनाव : भाजपा का वोट प्रतिशत दोगुना हुआ - Maharashtra assembly elections 2014
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के ‘खंडित जनादेश’ में भाजपा बहुमत पाने से बेशक चूक गई हो लेकिन साल 2009 के विधानसभा चुनाव की तुलना में पार्टी के वोट प्रतिशत में दोगुना वृद्धि दर्ज की गई है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2009 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 14.2 रहा था जो इस बार बढ़कर 27.8 प्रतिशत दर्ज किया गया।
 
महाराष्ट्र में इस बार भाजपा और शिवसेना का 25 वर्ष पुराना गठबंधन टूट गया था और दोनों दल अलग अलग चुनाव लड़ रहे थे। महाराष्ट्र चुनाव में पंचकोणीय मुकाबले में भाजपा को जबर्दस्त सफलता मिली है और भाजपा की सीटों की संख्या 2009 की 45 सीट से बढ़कर 122 हो गई। भाजपा हालांकि अपने बूते राज्य में सरकार बनाने के लिए बहुमत के जादुई आंकड़े 145 सीट से 23 सीट पीछे रह गई।
 
मई में लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा और शिवसेना गठबंधन ने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ा था। भाजपा को उस चुनाव में 27.3 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे और वह लोकसभा की 48 में से 23 सीटें जीतने में सफल रही थी। 
 
महाराष्ट्र में चुनावी मैदान में भाजपा ने 280 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जबकि कांग्रेस ने 287, राकांपा ने 278, शिवसेना ने 282, बसपा ने 260, मनसे ने 219, भाकपा ने 34 और माकपा ने 19 उम्मीदवार चुनावी समर में उतारे थे।
 
भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना का वोट प्रतिशत 16.26 प्रतिशत से बढ़कर 19.4 प्रतिशत दर्ज किया गया और इस तरह से 2009 के 45 सीट से बढ़कर 63 सीट हो गया। लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना का वोट प्रतिशत 20.6 रहा था और उसे 18 सीटों पर सफलता मिली थी।
 
वोटों में तीन प्रतिशत बिखराव से कांग्रेस को 40 सीटों का नुकसान हुआ। 2009 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 21.01 रहा था जो इस बार घटकर 17.9 प्रतिशत दर्ज किया गया। इस तरह से कांग्रेस की सीटों की संख्या 2009 के 82 सीट की तुलना में 42 रह गई। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 18.1 रहा था लेकिन उसके खाते में सिर्फ दो सीटें गई थी।
 
कांग्रेस की पूर्व सहयोगी राकांपा के वोट प्रतिशत में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई और यह 16.37 प्रतिशत से बढ़कर 17.3 प्रतिशत दर्ज किया गया लेकिन राज्य में बहुकोणीय मुकाबले में पार्टी को सीटों के लिहाज से फायदा नहीं हुआ।
 
शरद पवार नीत राकांपा को इस बार 41 सीटें मिलीं जबकि 2009 के चुनाव में उसे 62 सीटें मिलीं थीं। लोकसभा चुनाव में राकांपा को चार सीटें मिली थीं और उसका वोट प्रतिशत 16 रहा था। राज ठाकरे की मनसे का वोट प्रतिशत 3.1 दर्ज किया गया और उसे केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा। (भाषा)