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Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: शनिवार, 2 मार्च 2019 (18:50 IST)

सीमा पर गरज रही हैं तोपें, कई पाकिस्तानी ठिकाने तबाह, 8 लोगों की मौत

सीमा पर गरज रही हैं तोपें, कई पाकिस्तानी ठिकाने तबाह, 8 लोगों की मौत - LoC Pakistan India
जम्मू। एलओसी पर दोनों ओर से अब तोपखानों का इस्तेमाल हो रहा है। नतीजतन सैनिक ठिकानों के अतिरिक्त नागरिकों के भी क्षति पहुंची है। पिछले 24 घंटों में 8 नागरिकों की मौत हुई है। इस ओर 4 तथा उस ओर भी 4 नागरिक मारे गए। बहुत से पाक सैनिक भी मारे गए। कई पाकिस्तानी ठिकाने नेस्तनाबूद किए गए। भारतीय पक्ष को पहुंची क्षति का ब्योरा मुहैया नहीं करवाया गया है।
 
पाकिस्तान ने बीते राजौरी और पुंछ जिलों में एलओसी पर चार सेक्टरों में गोलाबारी की। अधिकारियों ने बताया कि पाक सेना ने पुंछ में असैन्य इलाकों को निशाना बनाने के लिए हॉवित्जर 105 एमएम तोप समेत बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया है।
 
पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में रात को भारी गोलाबारी में एक युवती और उसके दो बच्चों की मौत हो गई थी और दो सैनिकों समेत कई अन्य जख्मी हो गए थे। गोलाबारी में भारत की तरफ मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। पाक मीडिया के अनुसार, उस कश्मीर में भी 4 नागरिक मारे गए हैं।
 
अधिकारियों का कहना था कि सरहद पर स्थित कुछ बुरी तरह से प्रभावित गांवों के निवासी दहशत में हैं और अपना घर-बार छोड़कर महफूज स्थानों की ओर चले गए हैं। लोगों के बड़ी तादाद में पलायन करने की खबर है। पुंछ के उपायुक्त राहुल यादव ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थान खुले हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि सभी ऐंबुलेंसों को तैयार रखा गया है और उन्हें नियंत्रण रेखा के नज़दीक के इलाकों में भेजा गया है। साथ में, जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए विशेष दल हैं।
 
एलओसी पर दोनों सेनाओं द्वारा तोपखानों का खुलकर इस्तेमाल किए जाने का परिणाम है कि लोगों में अफरा-तफरी का माहौल है। हालांकि भारतीय पक्ष अभी भी इस गोलाबारी को सीजफायर का उल्लंघन बताता था जबकि आम नागरिकों का मत था कि यह तो सीधे शब्दों में युद्ध है। वर्ष 2013 से जारी सीजफायर में यह दूसरा अवसर है कि एलओसी पर अब तोपखानों का इस्तेमाल हो रहा है।
 
मिलने वाले समाचारों में कहा गया है कि भारतीय सेना ने पाक सेना के कई अग्रिम मोर्चों को नेस्तनाबूद कर दिया था। हालांकि पाक गोलाबारी में भारतीय पक्ष को हुई क्षति का कोई आधिकारिक ब्योरा नहीं दिया गया था।
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