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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: श्रीनगर , सोमवार, 25 मई 2015 (20:58 IST)

कश्मीर में 'बॉलीवुड' के कदम, खुशी

कश्मीर में 'बॉलीवुड' के कदम, खुशी - Kashmir, Bollywood
श्रीनगर। बदलते माहौल में कश्मीर एक बार फिर बॉलीवुड को अपनी ओर खींच रहा है। यही कारण है कि बॉलीवुड द्वारा कश्मीर में और फिल्मों की शूटिंग करने की तैयारी के आश्वासन दिए जाने के कारण कश्मीर में खुशी का माहौल है।
बॉलीवुड के कश्मीर की ओर वापस लौटते कदमों से खुश होने वालों का कहना था कि अगर ऐसा सच में होता है तो आने वाले दिनों में और बड़ी संख्या में टूरिस्ट कश्मीर का रुख करेंगे और अगर ऐसा होता है तो पिछले 25 सालों के आतंकवाद के दौरान टूरिज्म सेक्टर को हुए नुक्सान की भरपाई संभव है।
 
हाउसबोट ओनर्स एसोसिएशन के चेयरमेन मुहम्मद अजीम तुमान की सुनें तो बॉलीवुड का कश्मीर की ओर आना अगर शुभ संकेत है तो यह भी स्पष्ट होता है कि कश्मीर के हालात अब पहले जैसे नहीं रहे हैं, जहां कभी मौत का डर लगता था।
 
तुमान भी मानते हैं कि कश्मीर की कली और आरजू जैसी बॉलीवुड फिल्मों ने कश्मीर की खूबसूरती को देश विदेश में आकर्षण का केंद्र बना दिया था और इन दो फिल्मों के कारण ही डायरेक्टर और प्रोड्‍यूसर कश्मीर की ओर खिंचे चले आते थे।
 
ट्रेवल एजेंटस एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष राऊफ अहमद तरांबू भी मानते हैं कि बॉलीवुड के कश्मीर में फिर से आने से टूरिस्ट तो कश्मीर में आएंगे ही, इससे कश्मीरियों की आर्थिक दशा में भी सुधार होगा।
 
इसे कोई भुला नहीं सकता कि 60 और 80 के दशक में कश्मीर फिल्मों की शूटिंग का प्रमुख स्थान हुआ करता था और इसी अरसे में कश्मीर के पर्यटन को चार चांद लगे थे। पर कुछ बाहरी ताकतों से यह खुशी देखी नहीं गई थी जो फिर आतंकवाद के रूप में सामने आई थी। 25 साल के आतंकवाद के अरसे में कश्मीर का पर्यटन पूरी तरह से तबाह हो गया जिसे अब आस के रूप में फिर से बालीवुड ही नजर आने लगा है।
 
हालांकि लम्हा फिल्म के लायजन आफिसर शाहनवाज अहमद का कहना था कि अभी भी कश्मीर में माहौल कुछ शंका भरा होने से सुरक्षाधिकारी फिल्मों की यूनिटों को लोकल लोगों से दूर रखने का प्रयास करते हैं। इस कारण आशंका है कि फिल्मों की शूटिंग स्थानीय लोगों को कोई लाभ पहुंचा पाएंगी। इतना जरूर है कि हाल ही में आमीर खान के कश्मीर दौरे ने कश्मीरियों में नई जान फूंकी है जिन्हें लग रहा है कि बॉलीवुड के कश्मीर की ओर लौटते कदम उन्हें खुशहाली की ओर जरूर ले जाएंगे।
 
अभी भी लद्दाख की ओर दौड़े चले आ रहे टूरिस्ट : आतंकवाद के कारण कश्मीर चाहे टूरिस्टों को अपनी ओर आकर्षित कर पाया या नहीं लेकिन लद्दाख ने बाजी मार ली है। इसका सारा श्रेय विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 'थ्री इडियट्स' को भी जाता है, जिसकी शूटिंग यहीं हुई थी। मौके का लाभ उठाने को राज्य सरकार भी पीछे नहीं रही। वह भी पिछले 5 सालों से सिंधु दर्शन यात्रा से पहले ही सिंघे ख्बाव फेस्टिवल आयोजित कर कर रही है ताकि लद्दाख आने वाले टूरिस्टों की संख्या में बढ़ौतरी हो सके। और इस चाल ने काम भी कर डाला है।
 
जिस बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में वर्ष 2002 में मात्र 8097 टूरिस्ट आए थे उन्होंने पिछले साल नया रिकार्ड कायम करते हुए दो लाख के आंकड़े को पार कर लिया। इस बार उम्मीद तीन से चार लाख की है। लद्दाख हिल कांसिल के चीफ के बकौल यह सब थ्री इडियटस की देन है।