भारत के श्रद्धालुओं से 'जजिया' कर वसूलकर पाकिस्तान दूर करना चाहता है अपनी कंगाली
गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश वर्ष के खास मौके पर पाकिस्तान (Pakistan) में स्थित करतारपुर गुरुद्वारे (Kartapur) के लिए भारत की तरफ से कॉरिडोर पूरी तरह तैयार है। 8 नवंबर को इस रास्ते से ही भारत से सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना होगा। हालांकि कंगाल पाकिस्तान भारतीय सिख श्रद्धालुओं से कर वसूली पर अड़ा हुआ है।
पाकिस्तान ने भारत को भेजे अंतिम मसौदे में करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से 3120 पाकिस्तानी रुपए (20 डॉलर) वसूलने का प्रस्ताव बरकरार रखा है।
भारत ने इस मुद्दे पर हुई बैठकों में कई बार इस वसूली का विरोध किया था, लेकिन सिख श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए पाकिस्तान उनसे कमाई करना चाहता है।
पाकिस्तान की तरफ से अभी करतारपुर कॉरिडोर के खोलने की तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। भारत की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने 12 अक्टूबर को ट्वीट कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे।
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है, जो कि डेरा बाबा नानक के समीप सीमा से 4.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह गुरुद्वारा सिखों के लिए काफी पवित्र है, क्योंकि गुरु नानक देव ने अपने जीवन के 18 साल और अपना अंतिम समय भी यहीं बिताया था।
भारतीय सिख श्रद्धालु 20 अक्टूबर से हाल ही में लांच वेबसाइट के जरिए ऐतिहासिक गुरुद्वारा जाने के लिए ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं।