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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 11 जुलाई 2020 (15:11 IST)

विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब UP-STF महाकाल मंदिर से गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट लिखने वाले मास्टरमाइंड की तलाश में !

ग्वालियर से विकास दुबे के दो मददगारों की गिरफ्तारी, उज्जैन में यूपी STF ने डाला डेरा

विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब UP-STF महाकाल मंदिर से गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट लिखने वाले मास्टरमाइंड की तलाश में ! - kanpur encounter main accused Vikas Dubey arresting and encounter is a big suspense
5 लाख के ईनामी मोस्टवांटेड विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की पुलिस कानपुर एनकाउंटर से लेकर उज्जैन के महाकाल मंदिर से उसकी गिरफ्तारी की पूरी गुत्थी सुलझाने की कोशिश में जुट गई है।

8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाला विकास दुबे कैसे उत्तरप्रदेश से सुरक्षित निकल कर मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर तक पहुंच गया, इस बात पर अब भी रहस्य बना हुआ है। यूपी एसटीएफ ने अब विकास दुबे के उन मददगारों पर अपना शिकंजा कर दिया है जो हत्याकांड के बाद विकास दुबे की मदद कर रहे थे, इस बीच यूपी STF  ने ग्वालियर ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तारी से पहला बेखौफ घूमता रहा विकास दुबे ! -  उज्जैन में महाकाल मंदिर से अपनी कथित गिरफ्तारी से पहले विकास दुबे ने तीन घंटे तक उज्जैन की सड़कों पर घूमता रहा और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी, वह भी तब जब सावन के महीने के चलते उज्जैन पुलिस अलर्ट मोड पर है।
ये चौंकाने वाला खुलासा उस ऑटो ड्राइवर से पूछताछ में हुआ है जिसमें गैंग्स्टर विकास दुबे महाकाल मंदिर में दर्शन से पहले रामघाट से लेकर महाकाल मंदिर तक करीब 3 घंटे तक घूमता रहा लेकिन किसी ने उसको नहीं पहचाना। बताया जा रहा है कि विकास दुबे के ऑटो से घूमने के दौरान यूपी नंबर की एक गाड़ी लगातार उसके पीछे लगी रही। 

इस बीच सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ है जिसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा हैं कि विकास दुबे किस तरह गिरफ्तारी से पहले महाकाल मंदिर में घूमता रहा और किसी ने उसको नहीं पहचाना और पहचाना भी तो रोकने-टोकने की हिम्मत भी नहीं कर सका। इस दौरान मंदिर में एंट्री से पहले के एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि विकास दुबे किसी भी तरह अपनी पहचान छुपाने की कोशिश भी नहीं कर रहा है।   
 
UP-STF ने मध्यप्रदेश के मददगारों पर कसा शिकंजा-  विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उसके उज्जैन पहुंचने की पूरी कड़ी खंगालने के लिए यूपी एसटीएफ की टीम ने उज्जैन में डेरा डाल दिया है। विकास दुबे कैसे उज्जैन पहुंचा, किन लोगों ने विकास दुबे की मदद की, कैसे पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मोस्ट वांटेड विकास दुबे के उज्जैन पहुंचने की भनक नहीं लगी। इन सभी रहस्यों से पर्दा हटाने की कोशिश में पुलिस जुटी हुई है। विकास दुबे के महाकाल मंदिर से नाटकीय अंदाज में गिरफ्तारी के पीछे ऐसा कौन सा मास्टरमाइंड था जिस पर भरोसा कर विकास दुबे एक तरह से सरेंडर कर दिया था।

वहीं विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद ग्वालियर से भी उसकी मदद करने के आरोपों में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर से ओमप्रकाश और अनिल पाड़े नाम के दो शख्स को गिरफ्तार किया है इन पर विकास दुबे की मदद करने का आरोप है। 
 
सवालों से घिरी उज्जैन पुलिस ? - महाकाल मंदिर से विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर सवालों से घिरी उज्जैन पुलिस भी लगातार सवालों के घेरे में है। महाकालेश्वर मंदिर के सामने फूल की दुकान लगाने वाले जिस सुरेश कहार ने सबसे विकास दुबे को पहचाना था और महाकाल मंदिर के गार्ड को सूचना दी थी उससे पुलिस ने करीब 24 घंटे की पूछताछ के बाद अब छोड़ दिया है।
वहीं  विकास दुबे की पकड़ने वाले प्राइवेट कंपनी के गार्ड लखन यादव को भी छुट्टी पर भेज दिया गया। वहीं उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे की मदद के आरोप में जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया था उसे छोड़ दिया था उसमें शराब कंपनी के मैनेजर आनंद तिवारी और वह ऑटो चालक भी शामिल था जिसमें विकास दुबे ने पूरा उज्जैन शहर घूमा था।