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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: श्रीनगर , सोमवार, 12 अक्टूबर 2015 (19:32 IST)

जम्मू सीमा पर अब होगा 'घमासान'

जम्मू सीमा पर अब होगा 'घमासान' - Jammu border
श्रीनगर। आने वाले दिन जम्मू सीमा पर रहने वालों के लिए भयंकर और भारी साबित होने जा रहे हैं। अगर राज्य सरकार पाक गोलाबारी से सीमावासियों को बचाने की खातिर बंकरों का निर्माण करना चाहती है तो पाकिस्तान ऐसे बंकरों के निर्माण को रूकवाने पर आमादा है। 
इसके लिए पाकिस्‍तान ने अब सीधे तौर पर धमकी देते हुए सीमा पर ‘मुंहतोड़ और जबरदस्त’ गोलाबारी की बात कही है। हालांकि इस तनातनी के पीछे उस दीवार के निर्माण का भी मामला है जिसके प्रति पहले सुरक्षाधिकारी कहते रहे हैं और अब जब पाकिस्तान ने यह मामला यूएनओ में उठाया तो भारत की ओर से ऐसी दीवार के प्रति इंकार कर दिया। 
 
वैसे तो यह पहला मौका नहीं है कि पाकिस्तान ने जम्मू सीमा पर बंकरों के निर्माण पर आपत्ति उठाई हो पर यह पहला अवसर है कि उसने सीजफायर के दौरान ऐसी धमकी देकर सीमावासियों को दहशतजदा कर दिया है। याद रहे अगले महीने की 26 तारीख को जम्मू कश्मीर की सीमाओं पर जारी सीजफायर 12 साल पूरे करने जा रहा है।
 
दरअसल, पिछले कुछ महीनों से जम्मू सीमा, जो इंटरनेशनल बार्डर है, पर पाक सेना जबरदस्त गोलाबारी कर मासूम नागरिकों को पलायन के लिए मजबूर कर चुकी है। पाक गोलाबारी 198 किमी लंबे इंटरनेशनल बार्डर पर कई लोगों की जानें ले चुकी है और सैकड़ों मकानों को धराशायी कर चुकी है। सैकड़ों बेजुबान पशु भी इस दौरान मारे जा चुके हैं।
 
पाक गोलाबारी के कारण सिर्फ जम्मू सीमा के विभिन्न इलाकों से 60 हजार लोग पलायन कर राहत शिविरों के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं। इन शरणार्थियों की हालत यह है कि वे न ही अपने खेतों में जा पा रहे हैं और न ही अपने घरों में।
 
अब पाकिस्तान की नई धमकी के कारण उनका अपने खेतों और घरों में वापस लौटने का सपना टूटता नजर आने लगा है। पाकिस्तान ने जम्मू के इंटरनेशनल बार्डर पर बंकरों तथा सुरक्षा दीवार के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए धमकी दी है कि अगर भारत ने जम्मू सीमा पर बंकरों तथा सुरक्षा दीवार का निर्माण किया तो भयानक तबाही होगी। 
 
इस धमकी के पीछे वह तर्क देता है कि जम्मू का बार्डर वर्किंग बाउंड्री है और वर्ष 2010 में हुए समझौते के तहत 500 मीटर के भीतर कोई निर्माण नहीं हो सकता, जबकि बंकरों का निर्माण गांवों के भीतर होने जा रहा है जो जीरो लाइन से 500 मीटर से 3 किमी पीछे है। हालांकि वर्ष 1995 में जब जम्मू सीमा पर तारबंदी का कार्य आरंभ हुआ था तो उस समय भी बंकरों के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए पाकिस्तानी सेना ने जबरदस्त गोलाबारी कर सीमांत क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई थी।
 
नतीजतन स्थिति यह है कि 198 किमी लंबी जम्मू सीमा पर रहने वाले लाखों लोगों की जिन्दगी बदहाल होने जा रही है जो कि घरों को छोड़कर शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं उनकी घर वापसी अब मुश्किल लगने लगी है। आरएस पुरा के एक शरणार्थी शिविर में रह रहे दयाल सिंह का कहना था कि अब तो युद्ध ही एकमात्र हल है इस समस्या का। दर्शन सिंह का घर पाक गोलाबारी के कारण ढह चुका है परिवार के एक सदस्य की मौत हो चुकी है।
 
पाकिस्तान की ताजा धमकी के बाद सीमा पर सतर्कता को बढ़ाया गया है। साथ ही अतिरिक्त जवानों को तैनात करने का कार्य तेज किया जा चुका है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सेना को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है और रक्षा खाई पर सेना की तैनाती भी की जाने लगी है। 
 
ऐसी ही तैनाती संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद सीमाओं पर बने तनाव के समय की गई थी। हालांकि उस समय युद्ध तो हुआ नहीं था, पर सीमावासियों को जो तबाही सहन करनी पड़ी थी उसकी भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।