• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Jammu and Kashmir, Nepal, rehabilitation, terror, border Thousand force
Written By Author सुरेश एस डुग्गर

नेपाल भी हो चिन्हित स्‍थानों की सूची में शामिल...

नेपाल भी हो चिन्हित स्‍थानों की सूची में शामिल... - Jammu and Kashmir, Nepal, rehabilitation, terror, border Thousand force
श्रीनगर। वर्ष 2010 के अंतिम दिनों में जम्मू कश्मीर सरकार ने उस पार आतंकी बनने गए युवकों के पुनर्वास की खातिर जो नीति घोषित की थी वह औंधेमुंह गिर चुकी है। कारण पूरी तरह से स्पष्ट है कि कश्मीर को अपने गले की नस बताने वाली पाक सेना इन युवकों को उन रास्तों से भारत लौटने की अनुमति नहीं दे रही है जो उनकी वापसी के लिए निर्धारित हैं। 
 
नतीजतन कश्मीर वापसी की चाहत रखने वाले नेपाल के रास्ते को तरजीह तो दे रहे हैं पर उनकी इस वापसी को गैरकानूनी मानते हुए उन्हें पुनर्वास नीति का लाभ नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में अब राज्य सरकार ने नेपाल को भी चिन्हित स्थानों की सूची में शामिल करने का आग्रह केंद्र सरकार से किया है ताकि आतंकी अधिक से अधिक संख्या में हथियार डाल सकें।
 
पिछले साल अप्रैल महीने में ही सबसे अधिक 14 आतंकी अपने परिवारों के 58 सदस्यों के साथ भारत लौटे थे। इनमें उनकी पाकिस्तानी पत्नियां और बच्चे भी शामिल हैं। यह पहली बार था कि इतनी संख्या में कश्मीरी युवक बरास्ता नेपाल से भारत में आए थे।
 
नई रणनीति के मुताबिक, इन लौटने वाले आतंकियों को सीमा सहस्त्र बल के जवान जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के हवाले कर रहे हैं जो बाद में उन्हें कश्मीर लाकर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रहे हैं। हालांकि बाद में इनमें से कइयों को जमानत पर तो रिहा कर दिया जा रहा है पर वे दर-दर भटकने को इसलिए मजबूर हो रहे हैं क्योंकि उन्हें पुनर्वास नीति का कोई लाभ इसलिए नहीं दिया जा रहा है क्योंकि वे भारत सरकार द्वारा निर्धारित रास्तों से वापस भारत नहीं लौटे थे।
 
जानकारी के लिए वाघा बॉर्डर, चक्कां दा बाग और अमन सेतू के रास्ते को उनकी वापसी के लिए निर्धारित किया गया है पर वापस लौटने वाले सरकार के इस फैसले का मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि अधिकारी इस बात को नहीं समझते की जिस पाकिस्तान ने कश्मीर को तबाह करने के लिए 27 सालों से छाया युद्ध छेड़ रखा है क्या वह इतनी आसानी से उन लोगों को निर्धारित रास्तों से वापस लौटने देगा जिन्हें प्रशिक्षण आदि देने के लिए उसने लाखों-करोड़ों खर्च किए हों।
 
परिणाम यह है कि नेपाल के रास्ते लौटने वाले आतंकी अब आतंकवाद की मुख्यधारा में भी फिर से लौटने लगे हैं। इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया गया है कि लौटने वालों में से 8 को फिर से इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे आतंकवादियों के साथ शामिल हो गए थे जबकि इन आतंकियों का कहना था कि उन्होंने यह कदम सरकार के रवैये से परेशान होकर उठाया था।
 
वैसे नेपाल के रास्ते से लौटने वाले एक कश्मीरी आतंकी की पाकिस्तानी बीबी ने दो साल पहले अपने आपको आग लगाकर आत्मदाह कर लिया था और उसके पीछे का कारण भी यही था कि उसका परिवार दर-बदर हो रहा था। ऐसा कदम उठाने की धमकी अन्य आतंकी परिवारों द्वारा भी दी जा रही है पर अभी तक अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है क्योंकि वे कहते थे कि केंद्र सरकार के निदेशों के बाद ही वे ऐसे परिवारों के लिए कुछ कर सकते हैं।