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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: श्रीनगर , मंगलवार, 4 अगस्त 2015 (22:19 IST)

एम्स की मांग पर पांचवें दिन भी 'जम्मू बंद' सफल

एम्स की मांग पर पांचवें दिन भी 'जम्मू बंद' सफल - Jammu
श्रीनगर। जम्मू के लिए अलग 'एम्स' बनाए जाने की मांग को लेकर लगातार पांचवें दिन भी जम्मू बंद कामयाब रहा है। मंगलवार को पांचवें दिन भी कुछ स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों की खबरें हैं। को-आर्डिनेशन कमेटी ने 5 अगस्त तक बंद का आह्वान किया है और कल इसके प्रति फैसला लिया जाना है कि अगर 'एम्स' देने की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई तो जम्मू को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया जा सकता है।
 
शीतकालीन राजधानी में एम्स की स्थापना की मांग को लेकर आज लगातार पांचवें दिन बंद के दौरान पुलिस तथा को-आर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों के बीच झड़प हुई, जबकि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। को-आर्डिनेशन कमेटी ने तीन दिनों के बंद को पांच अगस्त तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया था। जम्मू के 130 से ज्यादा गैर राजनीतिक संगठनों को मिलाकर बनी कमेटी के अध्यक्ष अभिनव शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को भी शहर में विरोध रैली निकाली गई। प्रदर्शनकारी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जबरन बंद करवाने की कोशिश कर रहे थे।
 
आज भी कई इलाकों में जब ऐसा ही हुआ तो पुलिस के उन्हें ऐसा करने से रोकने पर दोनों के बीच झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। जम्मू जिले के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। इस बीच बंद का व्यापक असर रहा। व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। जम्मू की जीवनरेखा मानी जाने वाली मेटाडोर भी सड़कों पर न चलने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
 
लगातार पांचवें दिन भी कुछ निजी कार्यालय और बैंक भी बंद रहे, स्कूल, कॉलेजों और कार्यालयों में उपस्थिति नगण्य रही। बंद के कारण तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि को-आर्डिनेशन कमेटी ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए चार विशेष बसों का संचालन किया। इस बीच, उधमपुर, सांबा तथा कठुआ जिलों में भी शांतिपूर्ण बंद रहा। को-आर्डिनेशन कमेटी ने एम्स जैसा संस्थान खोलने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और अन्य राज्यों जैसे एम्स की मांग की है।
 
अलग एम्स के लिए पिछले पांच दिनों से जम्मू बंद किया जा रहा है। एम्स को-आर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर जम्मू की रफ्तार थम गई है। दुकानें, गाड़ियां, स्कूल, कॉलेज सब बंद हैं। ऐसे में अनुमान लगाया गया है कि सिर्फ चार दिनों में ही जम्मू में 60 से 70 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। 
 
परिवहन, पर्यटन उद्योग, ट्रेड, होटल इंड्स्ट्रीज आदि में करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है। जानकारों का कहना है कि पांच दिनों में लगभग 7 करोड़ का आयकर, चार-पांच करोड़ का वैट, एक करोड़ का टोल टैक्स और पैसेंजर टैक्स का नुकसान हुआ है। पेट्रोल पंप वालों को भी काफी नुकसान हुआ है। मंगलवार को भी दुकानें बंद रहीं। सड़कों पर यातायात वही दिखा, जो प्राइवेट था। आज नेकां ने स्पीकर कविन्द्र गुप्ता का पुतला जलाकर रोष प्रकट किया।
 
हालांकि नेकां के प्रधान और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुक अब्दुल्ला ने स्वयं तवी पुल पर एम्स को-आर्डिनेशन कमेटी से मुलाकात की और उन्हें अपना पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर जम्मू कश्मीर में केन्द्रीय विश्वविद्यालय दो हो सकते हैं तो फिर एम्स क्यों नहीं। एसीसी ने कहा है कि 5 अगस्त तक अगर सरकार इस संदर्भ में निर्णय नहीं लेती है तो फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी जाएगी।