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Last Updated : सोमवार, 15 सितम्बर 2014 (13:04 IST)

मंगल की कक्षा में स्थापित होने को तैयार मंगलयान

मंगल की कक्षा में स्थापित होने को तैयार मंगलयान - ISRO Mangalyaan
नई दिल्ली। देश के विकास में विज्ञान की भूमिका तय करने के लिए नई सरकार ने कदम तेज कर दिए हैं। दिन-रात एक करके लक्ष्य पूरा करने में लगे इसरो के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह की तरफ भेजे स्पेसक्राफ्ट मंगलयान के इंजन को 'एक्ट‍िव' करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
 
यान इंजन को एक्टिव इसलिए किया जा रहा है, ताकि 21 सितंबर इसका टेस्ट किया जा सके। इस प्रक्रिया में 4 सेकंड तक इंजन चालू करके देखा जाएगा कि यह ठीक से काम कर भी रहा है या नहीं। 
 
इस टेस्ट के तीन दिन बाद यानी 24 सितंबर को मंगलयान के इंजन को असली इम्तिहान देगा होगा। उस दिन इंजन को 24 मिनट तक फायर किया जाएगा, ताकि मार्स ऑर्बिटर मिशन की स्पीड स्लो की जा सके और इसे मंगल की कक्षा में स्थापित किया जा सके।
 
इसरो के वैज्ञानिक इसमें सफल रहे, तो भारत पहली ही कोशिश में कामयाबी हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश होगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने कई कोशिशों के बाद अपने ऑर्बिटर मंगल की कक्षा में स्थापित कर पाए थे।
 
पिछले साल 30 अक्टूबर को धरती से मंगल की तरफ इस यान को भेजा गया था। तब से अब तक 3 सौ दिन हो चुके हैं और इस वक्त यह 82 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मंगल की तरफ बढ़ रहा है।
 
मंगल की कक्षा में स्थापित हो जाने के बाद मंगलयान इसके वायुमंडल, खनिजों और संरचना का गहन अध्ययन करेगा। मंगल के वैज्ञानिक अध्ययन के अलावा यह मिशन इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह भारत के लिए दूसरे ग्रहों की जांच करने के सफल अभियानों का आगाज़ करेगा। तो आगे के हालात का जवाब अभी वक्त के पास है। (एजेंसी)