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Last Updated : शनिवार, 10 अक्टूबर 2015 (11:17 IST)

भारत लौटना चाहता है IS आतंकवादी

भारत लौटना चाहता है IS आतंकवादी - Indian terrorist in IS Syria
नई दिल्ली। सीरिया में रूस की ओर से पिछले कई दिनों से किए जा रहे खतरनाक हवाई हमलों की वजह से इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के साथ लड़ रहा एक भारतीय घबरा गया है और अब वह घर लौटना चाहता है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में एक कॉल को इंटरसेप्ट किया है। रूस के हमले से आईएस में दहशत फैल गई है।

ताजा खबर के अनुसार दिल्ली से रहमत नाम के एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया जिसके पास से हथियार भी बरामद किए गए। बताया जाता है कि यह शख्स सोशल मीडिया के माध्यम से आईएस से जुड़ा था। फिलहाल दिल्ली पुलिस गिरफ्तार शख्स से पूछताछ कर रही है। इस संबंध में हैदराबाद में भी कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है।
 
बताया जाता है कि भारत के उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला ये युवक सीरिया में रूसी हमले से खौफजदा है और आईएस छोड़कर अब वापस घर लौटने की बात कह रहा है। यह आतंकी 6 महीने पहले आईएस में शामिल हुआ था। आईएस के लिए लड़ने गया आजमगढ़ का युवक अब अपने परिवार को फोन कर वापस लाने की गुहार लगा रहा है। इसके बाद परिवार वालों ने सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया है। 
 
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश से किसी 12वीं पास युवक के सीधे आईएस में शामिल होने का यह पहला मामला है। हालांकि युवक के नाम का अभी खुलासा नहीं हुआ है। लगभग 26 साल का यह लड़का सोशल मीडिया के जरिए दुबई में रहने वाले एक भारतीय के संपर्क में आया। बाद में उसकी मदद से वह तुर्की पहुंच गया और वहां से सीरिया। पिछले छह महीने से वह सीरिया से लगते इराक के इलाके में आईएस की ओर से लड़ रहा है। लेकिन पिछले दिनों जब से पश्चिमी देशों और रूस ने आईएस के ठिकानों पर बमबारी शुरू की, तो उसकी हिम्मत जवाब दे गई। अब वह बार-बार अपने परिवार वाले को फोन कर वापसी का इंतजाम करने को कह रहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि युवक को आईएस में भर्ती कराने वाले भारतीय की खोज की जा रही है।
 
उल्लेखनीय है कि इसके पहले आईएस के लिए भर्ती अभियान चलाने के आरोप में यूएई सरकार हैदराबाद की महिला को वापस भारत भेज चुकी है। इसके बाद वहां से केरल के चार लड़कों को भी वापस भेजा जा चुका है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार भारतीय मूल के कुल 20 युवा आईएस के लिए लड़ने गए थे। इनमें छह मारे जा चुके हैं और एक वापस आ चुका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन युवाओं के बारे लगातार सूचनाएं जुटाई जा रही हैं। यदि कोई वापस आना चाहता है, तो उसकी मदद की जाएगी।
 
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से रूसी सुखोई 34 और सुखोई 24 एम लड़ाकू विमानों ने आईएस के कई ठिकानों पर जबरदस्त हमले किए हैं। सुखोई 24 बमवषर्कों ने पश्चिमोत्तर सीरिया के इदलीब प्रांत स्थित जिस्र अल शुगुर के पास पर्वतों में एक गोदाम को भी नष्ट कर दिया जहां गोलाबारूद का भंडार था। सुखोई 24 बमवषर्कों ने पश्चिमोत्तर सीरिया के इदलीब प्रांत स्थित जिस्र अल शुगुर के पास पर्वतों में एक गोदाम को भी नष्ट कर दिया जहां गोलाबारूद का भंडार था।
 
इस बीच सीरिया में जारी रूस के हवाई हमलों पर अमेरिका ने सवाल उठाया है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट का कहना है कि रूस के ज्यादातर हमले आईएसआईएस और अल कायदा समर्थित आतंकियों के बजाय बशर विरोधी विद्रोहियों के ठिकानों पर किए जा रहे हैं। अमेरिका ने यह बात रूस के उस स्टेटमेंट के जवाब में कही थी जिसमें रूस ने सीरिया में ISIS ठिकानों को निशाना बनाए जाने का दावा किया था। (एजेंसी)