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Last Updated :जम्मू , शुक्रवार, 8 नवंबर 2024 (18:36 IST)

J&K में तेज होती आतंकी हिंसा ने बढ़ाई चिंता, किश्तवाड़ में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन

J&K में तेज होती आतंकी हिंसा ने बढ़ाई चिंता, किश्तवाड़ में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन - increasing terrorist violence in Jammu and Kashmir has raised concerns
Jammu and Kashmir News : प्रदेश में तेज होती आतंकी हिंसा चिंता और दहशत का कारण बनती जा रही है। किश्तवाड़ में 2 वीडीजी सदस्यों का अपहरण कर की गई हत्या ने अगर इलाके में दहशत फैलाई है तो सोपोर में हुई एक और मुठभेड़ के बाद सुरक्षाधिकारी इसलिए चिंतित हैं क्योंकि सूचनाएं कहती हैं कि कई आतंकी उस पार से घुसने में कामयाब रहे हैं।
 
किश्तवाड़ में हुई ताजा हत्याओं की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स (केटी) ने ली है। अधिकारियों की मानें, तो ये प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद संगठन की एक शाखा है। केटी उन कई नए आतंकी संगठनों में से एक है, जिनका उभार 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हुआ है।
 
सोशल मीडिया पर प्रसारित फोटो में दोनों मृतकों के मुंह, नाक और सिर से खून बहता दिख रहा था। ऐसा लग रहा था कि मारे जाने से पहले अहमद के सिर के चारों ओर कपड़े की एक पट्टी कसकर बंधी हुई थी और कुमार की आंखों पर पट्टी बंधी हुई दिखाई दे रही थी, जबकि दोनों के हाथ पीछे की ओर बंधे हुए थे।
ज्ञात हो कि इन हत्याओं ने 2018 की यादों को ताजा कर दिया है, जब भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इस जिले में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। यहां पूर्व में भी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच झड़पें और दंगे हुए हैं।
 
मालूम हो कि इस बार किश्तवाड़ विधानसभा क्षेत्र से मारे गए भाजपा नेता अनिल परिहार की बेटी शगुन परिहार ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की है। ताजा हत्याओं की उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला और जम्मू कश्मीर के अन्य राजनीतिक नेताओं ने निंदा की है।
 
इससे पहले 29 अक्‍टूबर को भी जम्मू के बट्टल इलाके में आतंकवादियों द्वारा सेना की एंबुलेंस पर असफल हमला किया गया था। इस विफल हमले में शामिल सभी तीन आतंकवादियों ने हाल ही में एलओसी के पास अखनूर सेक्टर से जम्मू में घुसपैठ की थी। इन सभी को इस क्षेत्र में 15 घंटे से अधिक समय तक चले आतंक विरोधी अभियान में मार गिराया गया।
इस मुठभेड़ में फैंटम नाम का सेना का एक कुत्ता भी घायल हो गया था, जिसने बाद में चोटों के कारण दम तोड़ दिया। किश्तवाड़ में ये हत्याएं सुरक्षाबलों द्वारा अनंतनाग के एक मुठभेड़ में पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) के एक ऑपरेशनल कमांडर अरबाज मीर को मार गिराने के कुछ दिनों बाद सामने आई हैं।
 
एक अन्य मुठभेड़ में उसी दिन उस्मान भाई, जो लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध था और पाकिस्तान से था, को भी मार गिराया गया था। सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों की हत्याओं को लश्कर और पीएएफएफ के लिए एक बड़ा झटका करार दिया था। पीएएफएफ जैश की एक और संदिग्ध शाखा है, जिसने 2021 से जम्मू के पीर पंजाल क्षेत्र में सशस्त्र बलों पर कई घातक हमले किए हैं। गौरतलब है कि किश्तवाड़ की ये घटना श्रीनगर में एक ग्रेनेड विस्फोट के चार दिन बाद सामने आई है, जिसमें कम से कम एक दर्जन नागरिक घायल हो गए थे।
 
इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के पद की शपथ लेने के बाद जम्मू कश्मीर में यह सातवां लक्षित हमला था, जिसमें नागरिक मारे गए हैं। एक नवंबर को आतंकवादियों ने बडगाम जिले के मगाम इलाके में गोलाबारी की थी, जिसमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के दो प्रवासी मजदूर घायल हो गए थे।
उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से 24 अक्तूबर को उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट के पास एक आतंकवादी हमले में सेना के दो जवान और कुली के बतौर काम करने वाले दो नागरिक मारे गए थे, जबकि तीन अन्य सैनिक घायल हो गए थे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब्दुल्ला सरकार के सत्ता संभालने के बाद लक्षित हमलों और आतंक विरोधी अभियानों में करीब दो दर्जन नागरिक, सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी मारे गए हैं।
किश्तवाड़ में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन, पूर्ण बंद का आह्वान : जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के विभिन्न इलाकों में लोग आतंकवादियों द्वारा दो ग्राम रक्षा रक्षकों की हत्या के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय लोगों में विश्वास बहाल करने के लिए हत्याओं में शामिल आतंकवादियों को तत्काल समाप्त करने की मांग की। निवासियों ने जिले में बंद भी रखा। सनातन धर्म सभा ने शुक्रवार को हत्याओं के विरोध में किश्तवाड़ में पूर्ण बंद का आह्वान किया था।
 
मारे गए दोनों वीडीजी सदस्यों की पहचान नजीर अहमद, पुत्र मुहम्मद खलील और कुलदीप कुमार, पुत्र अमर चंद के रूप में हुई है, जो ओहली, कुंतवाड़ा के निवासी हैं, जिन्हें आतंकवादियों ने कल रात किश्तवाड़ में मार दिया था। आज इन हत्याओं के विरोध में सैकड़ों लोग जिले के द्रबशाला इलाके में एकत्र हुए, टायर जलाए और सड़कें जाम कीं। उन्होंने पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ नारे लगाए और भारत माता की जय के नारे लगाए। आज सुबह कुंतवाड़ा और अन्य इलाकों में भी विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं, जिसमें पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए और सड़क पर धरना दिया गया।
द्रबशाला निवासी कुलदीप सिंह का कहना था कि इस तरह की घटना इस इलाके में लंबे समय से नहीं हुई है। पीड़ित अपने मवेशियों को चरा रहे थे, तभी आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया और उनकी हत्या कर दी। यह कायरतापूर्ण कृत्य है। हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।
 
उन्होंने कहा कि लोग आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम इस कृत्य में शामिल आतंकवादियों को खत्म करने के लिए एक बड़े अभियान की मांग करते हैं। सुरक्षा बलों को पूरे पहाड़ों की सफाई करनी चाहिए ताकि लोग इन इलाकों में मवेशी चराने में सुरक्षित महसूस करें।
 
एक अधिकारी ने बताया कि मारे गए दोनों सदस्य हमेशा अपने मवेशियों को चराने के लिए मुंजला धार (अधवारी) जाते थे, लेकिन आज वे वापस नहीं लौटे। यह ताजा हमला ऐसे समय में हुआ है, जब जम्मू कश्मीर में गैर-जम्मू-कश्मीर कार्यबल पर हमलों और मुठभेड़ों में तेजी देखी जा रही है।
इस बीच, नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ में दो वीडीजी की नृशंस हत्या की निंदा की। नेकां नेता ने कहा कि बर्बर हिंसा के ऐसे कृत्य जम्मू कश्मीर में दीर्घकालिक शांति प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण बाधा बने हुए हैं। नेकां ने एक्स पर लिखा कि दुख की इस घड़ी में उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं।