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Last Modified: बुधवार, 29 अक्टूबर 2014 (22:24 IST)

विदेशी बैंक खाते : 300 लोगों के खिलाफ केस करेगा आयकर विभाग

विदेशी बैंक खाते : 300 लोगों के खिलाफ केस करेगा आयकर विभाग - Income Tax Department,  foreign bank accounts
नई दिल्ली। आयकर विभाग विदेशों में बैंक खातों में धन जमा करने वाले करीब 300 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। जिनीवा के एचएसबीसी बैंक में काला धन रखने वाले खाताधारकों की जो सूची आज उच्चतम न्यायालय को सौंपी गई है उनमें इन लोगों का भी नाम है।
अधिकारियों ने कहा कि विभाग ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) से आयकर कानून की दो धाराओं के तहत पहले चरण का अभियोजन शुरू करने की अनुमति मांगी है।
 
उन्होंने कहा कि इन लोगों के खिलाफ धारा 277 (सत्यापन में गलत बयान) तथा 276 डी (दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफलता) के तहत मामला चलाने की अनुमति मांगी गई है, जिससे विभाग प्रवर्तन निदेशालय व सीबीआई जैसी अन्य प्रवर्तन एजेंसियों से सूचनाओं को साझा कर सके।
 
सूत्रों ने बताया कि विभाग ने पहले ही इन खाताधारकों में कुछ से करों व जुर्माने के रूप में 200 करोड़ रुपए की वसूली की है। इन कुछ खाताधारकों ने विदेशों में खाता रखने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि अन्य खाताधारकों से करों व जुर्माने के रूप में 200 से 300 करोड़ रुपए की और वसूली की जा सकती है। 
 
सूत्रों ने बताया, ‘उच्चतम न्यायालय को आज जिन 627 भारतीयों की सूची सौंपी गई है, उनमें से 300 के करीब लोगों के खिलाफ मामला जल्द शुरू किया जा सकता है। कम से कम आयकर कानून की चुनिंदा धाराओं के तहत। करीब 120 मामलों में पहले ही मुकदमा चल रहा है। इन नए लोगों व इकाइयों के खिलाफ कर अधिकारियों द्वारा जुटाए गए शुरआती सबूतों के आधार पर मामला शुरू किया जा सकता है।’ 
 
उन्होंने कहा कि इससे एसआईटी को प्रवर्तन निदेशालय व सीबीआई जैसी एजेंसियों को कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।अंतरराष्ट्रीय व द्विपक्षीय संधियों के तहत सदस्य देश को एक एजेंसी को हासिल सूचना अन्य के साथ सिर्फ अभियोजन के स्तर या फिर मामला अदालत में होने पर ही साझा करने की अनुमति होती है।
 
उन्होंने कहा, ‘एसआईटी इससे सहमत है और हम जल्द नए मामले शुरू कर सकते हैं। इन 300 मामलों में आयकर विभाग के पास कुछ प्रमाण हैं।’ अधिकारियों ने कहा कि इनमें से कुछ मामले 1999-2000 के हैं। ऐसे में मार्च, 2015 तक इनमें मामला चलाने की समयसीमा समाप्त हो जाएगी। ऐसे में अधिकारियों के पास गंवाने के लिए समय नहीं है। (भाषा)