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Last Modified: मंगलवार, 27 अगस्त 2019 (10:11 IST)

प्राचीन भारत में गौमांस खाने पर RSS के बड़े नेता का विवादित बयान

प्राचीन भारत में गौमांस खाने पर RSS के बड़े नेता का विवादित बयान - In ancient India people who consumed cow meat were labelled as untouchable
नई दिल्ली। आरएसएस (RSS) के एक वरिष्ठ नेता ने विवादित बयान दिया। RSS के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल कहा कि गौमांस सेवन करने वाले लोगों को प्राचीन भारत में अस्पृश्य करार दिया जाता था और 'दलित' शब्द प्राचीन भारतीय साहित्य में मौजूद नहीं था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल ने पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान कहा कि संविधान सभा ने भी 'दलित' की जगह 'अनुसूचित जाति' शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि यह अंग्रेजों की साजिश थी कि दलित शब्द (समाज में) धीरे-धीरे फैल गया।
 
RSS नेता ने 'भारत का राजनीतिक उत्तरायण' और ‘भारत का दलित विमर्श’ पुस्तकों का विमोचन किया। कार्यक्रम में संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल भी मौजूद थे।
 
गोपाल ने कहा कि भारत में अस्पृश्यता का पहला उदाहरण तब आया जब लोग गाय का मांस खाते थे, वे ‘अनटचेबल’ घोषित हुए। ये स्वयं (बीआर) आंबेडकर जी ने भी लिखा है।
 
उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे यह समाज में प्रसारित होता गया और समाज के एक बड़े हिस्से को अस्पृश्य करार दिया गया। लंबे समय तक उनका उत्पीड़न और अपमान किया गया।

गोपाल ने कहा कि रामायण लिखने वाले महर्षि वाल्मीकि दलित नहीं थे, बल्कि शूद्र थे, और कई महान ऋषि भी शूद्र थे और उनका बहुत सम्मान किया जाता था।
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