• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. important hearing in supreme court on monday on sbis application in electoral bond case
Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 11 मार्च 2024 (08:19 IST)

Electoral bonds : क्‍या सुप्रीम कोर्ट बढ़ाएगा समय सीमा, SBI की अर्जी पर सुनवाई आज

चुनावी बॉण्ड योजना को बताया था असंवैधानिक

Electoral bonds : क्‍या सुप्रीम कोर्ट बढ़ाएगा समय सीमा, SBI की अर्जी पर सुनवाई आज - important hearing in supreme court on monday on sbis application in electoral bond case
Electoral bond case :  सुप्रीम कोर्ट भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की उस याचिका पर आज सुनवाई करेगा, जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ एक अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है। 
 
इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसबीआई ने चुनावी बॉण्ड के जरिये राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विवरण निर्वाचन आयोग को छह मार्च तक सौंपे जाने संबंधी शीर्ष अदालत के निर्देश की ‘‘जानबूझकर’’ अवज्ञा की।
सोमवार के लिए निर्धारित शीर्ष अदालत की मामलों की सूची के अनुसार, पीठ इन दोनों याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुबह साढ़े 10 बजे बैठेगी। पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं।
 
सुप्रीम कोर्ट ने गत 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था।
तुरंत बंद करने के दिए थे निर्देश : योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, शीर्ष अदालत ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था।
एसबीआई ने 4 मार्च को राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। इनपुट भाषा
ये भी पढ़ें
पश्चिम बंगाल : पहले तलाक लिया अब इस सीट से आमने सामने चुनाव लड़ेंगे पति पत्नी