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Last Updated : सोमवार, 25 मई 2015 (12:58 IST)

आईआईटी में पढ़ने वाले ट्रांसजेंडर की एक अनोखी दास्तां

आईआईटी में पढ़ने वाले ट्रांसजेंडर की एक अनोखी दास्तां - iit, transgender, a strange story, IIT Khadakpur
मैं अपने आपको एक ऐसे लड़के के रूप में देखती हूं जिसे लड़कियों जैसे सजने-संवरने में अच्छा लगता है। जब मैं ऐसा करती हूं तो मेरी सभी टेंशन एकाएक दूर हो जाती है। यह कहना है आईआईटी में पढ़ने वाली एक ट्रांसजेंडर का, वे अपना नाम अनामिका बताती हैं।
अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक अनामिका की उम्र 20 साल है और वह  आईआईटी, खड़गपुर में पढ़ाई कर रही है। वे लिखती हैं, जब उसने आईआईटी में एडमिशन लिया तो  उसने सोचा था कि शायद बाहरी दुनिया से यहां का माहौल अलग होगा और लोग उसे ट्रांसजेंडर के रूप  में स्वीकार करेंगे।
 
लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और मेरी जिंदगी यहां और कठिन हो गई। मुझे अपने आपको सबसे छुपाना  पड़ता था। उसने बताया कि उसने अनामिका नाम खुद ही अपने लिए चुना है। उसने अपने आपको सबके  सामने ट्रांसजेंडर के रूप में प्रस्तुत करने से पहले एक लंबी जंग लड़ी है। 
 
वे आगे लिखती हैं, जब मैं हिजड़ों के पास जाती हूं मुझे उनसे घृणा या नफरत नहीं होती बल्कि मैं उनसे  बात करना चाहती हूं। मै उन्हें जानना चाहती हूं और उनका अनुभव साझा करना चाहती हूं।
 
अनामिका बताती हैं कि उनके अंदर कई सालों से इस तरह की फीलिंग थी, लेकिन वे ट्रांसजेंडर नाम से  अनभिज्ञ थीं। उन्हें घर वालों के दबाव के चलते कई सालों तक अपनी ट्रांसजेंडर फीलिंग को दबाना पड़ा।  उन्होंने कहा कि जब वे 8 साल की थीं तो मैं अपने आपसे इस बात के चलते घृणा करने लगी थी। मैं  अपने सिर में चोट पहुंचाती थी, क्योंकि यही एक जगह होती है, जहां लोग कम ध्यान देते हैं।
 
अनामिका बताती हैं कि आईआईटी परीक्षा पास करने के बावजूद वे लोगों के लगातार ताने सुनती रहीं। वे  लिखती हैं कि 2012 में तीसरे सेमेस्टर की शुरुआत में उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की थी। 
इस बीच एक सीनियर ने मुझे कैंपस के काउंसलर से बात करने को कहा। मेरे काउंसलर बहुत सहयोगी  हैं। उन्होंने मुझे ढाढस बंधाया तब से मैं खुश रहने लगी और तब से मेरा विश्वास बढ़ा।
 
किसी ट्रांसजेडर के लिए यह सवाल कि वह कौन है? एक बहुत बड़ा सवाल है। अगर कोई ट्रांसजेंडर अपने  आपको समाज के सामने ट्रांसजेंडर के रूप में स्वीकार करता है तो यह एक बहुत कठिन प्रयास है।
 
दो साल के बाद अनामिका ने अपने आपको ट्रांसजेंडर के रूप में पूर्ण रूप से स्वीकार किया। अनामिका ने  अपने दोस्तों से बताया कि यह उसके द्वारा लिया गया सबसे बेहतर निर्णय है। वे बताती हैं कि आज  उनके कई दोस्त हैं जिनके साथ वे सब कुछ साझा कर सकती हैं। 
 
अनामिका कहती हैं कि अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है। अगले साल स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के  बाद अनामिका के सामने जॉब ढूंढना सबसे बड़ा चैलेंज होगा। अनामिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती  होगी कि वे एक ऐसा जॉब ढूंढे, जहां पर उसके सेक्स को लेकर कोई उंगली न उठाए। 
 
वे लिखती हैं कि मैं आईआईटी, खड़गपुर में अन्य आईआईटीज की तरह एलजीबीटी रिसोर्स ग्रुप सेटअप  करवाना चाहती हूं। जब वे मुंबई जाती हैं तो जींस और कैजुअल शर्ट पहनती हैं। वे कहती हैं कि उन्हें वहां  पर कोई परेशानी नहीं होती। 
 
अनामिका को ह्यूमन बिहेवियर और बॉडी लैंग्वेज वाली किताबें पढ़ना पसंद हैं। वे कहती हैं कि मुझे  फोटोग्राफी में भी रुचि है। मुझे डांस सीखना है और मैं संगीत सीखना चाहती हूं।