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Last Updated :मुंबई , शनिवार, 13 फ़रवरी 2016 (13:47 IST)

सईद को अंकल, लखवी को फ्रेंड कहता था हेडली

सईद को अंकल, लखवी को फ्रेंड कहता था हेडली - Headly on Hafij saeed  and Lakhwi
मुंबई। मुंबई हमला मामले में पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुंबई की एक विशेष अदालत को बताया कि वह हाफिज सईद के लिए अंकल और जकीउर रहमान लखवी के लिए फ्रेंड शब्द का इस्तेमाल करता था।
 
हेडली ने बताया कि 26/11 हमलों के बाद वह लश्कर-ए-तैयबा के साजिद मीर के साथ लगातार संपर्क में था और वह हाफिज सईद एवं जकी-उर-रहमान लखवी की सुरक्षा को लेकर चिंतित था।
 
पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने शनिवार को बताया कि उसके आकाओं ने उससे कहा था कि जकी उर रहमान लखवी और हाफिज सईद के खिलाफ कुछ नहीं होगा तथा 26/11 मामले में उनके और लश्कर के अन्य सदस्यों के खिलाफ पाकिस्तानी संघीय जांच एजेंसी की कार्रवाई दिखावटी है।
 
अमेरिका से वीडियो लिंक के जरिए गत सोमवार से गवाही दे रहे 55 वर्षीय आतंकवादी ने 26/11 हमलों के बाद की आतंकवादी गतिविधियों पर और प्रकाश डालते हुए कहा कि वह आईएसआई के मेजर इकबाल के निर्देशों पर वर्ष 2009 में पुणे में भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के मुख्यालय में गया था। इकबाल चाहता था कि वह कुछ सैन्यकर्मियों को भर्ती करे ताकि उनसे गोपनीय सूचना प्राप्त की जा सके।
 
मामले में सरकारी गवाह बन चुके हेडली ने अदालत को बताया कि वह मार्च 2009 में पुष्कर, गोवा और पुणे गया था तथा अलकायदा के इलियास कश्मीरी के कहने पर उसने इन शहरों की रेकी की थी।
 
उसने यह भी कहा कि जब पाकिस्तानी सरकार ने 26/11 हमलों की जांच शुरू की थी, तब उसके आका लश्कर के साजिद मीर ने उसे बताया था कि जकी उर रहमान लखवी और हाफिज सईद दोनों सुरक्षित हैं और उनके खिलाफ कुछ भी नहीं होगा।

हेडली ने अदालत को बताया कि वह 16 मार्च, 2009 को पुणे गया था और वह वहां दक्षिणी कमान के मुख्यालय भी गया था।
 
हेडली ने कहा, 'इससे पहले भी, मेजर इकबाल ने मुझसे इस स्थान की यात्रा करने को कहा था। उस समय, मैंने सैन्य स्टेशन का बाहर से एक वीडियो बनाया था।' उसने कहा कि मेजर इकबाल चाहता था कि मैं सेना से किसी को भर्ती करने की कोशिश करूं जो हमें गोपनीय जानकारी दे सके। यह बीएआरसी की तरह था।
 
हेडली ने कहा कि मैंने सभी तीनों शहरों में वहां कई स्थलों के वीडियो बनाए थे। लश्कर के सदस्य ने उसके और उसके आका साजिद मीर के बीच ई-मेलों के आदान-प्रदान की जानकारी का भी खुलासा किया।
 
हेडली ने अदालत से कहा, 'मेरे और लश्कर के साजिद मीर के बीच तीन जुलाई, 2009 से 11 सितंबर, 2009 तक
ईमेल का आदान-प्रदान हुआ। मैंने लश्कर के नेतृत्व की सुरक्षा के बारे में बार-बार चिंताएं व्यक्त की थीं।'
 
उसने कहा कि पाकिस्तान सरकार मुंबई में 26/11 हमलों के बाद दिसंबर 2008 से लश्कर के लोगों के पीछे पड़ी थी, जांच और लोगों से पूछताछ कर रही थी। मैं इसलिए जानना चाहता था कि क्या हाफिज साहिब और जकी साहिब सुरक्षित हैं या नहीं।