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Last Modified: शनिवार, 1 अगस्त 2015 (11:57 IST)

क्या कांग्रेस हाफिज सईद का काम आसान कर रही है?

क्या कांग्रेस हाफिज सईद का काम आसान कर रही है? - Hafiz Saeed and Congress
नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को पूर्व संप्रग सरकार पर आरोप लगाया कि उसने ‘हिंदू आतंकवाद’ की नई शब्दावली गढ़ कर आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई को कमजोर किया। इसके लिए उसने कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद से बधाई पाई, लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ऐसी शर्मनाक स्थिति कभी पैदा नहीं होने देगी। पंजाब के गुरदासपुर में 27 जुलाई को हुए आतंकवादी हमले के बारे में लोकसभा में अपना लिखित बयान पढ़ने के बाद गृहमंत्री राजनाथसिंह ने यह बात कही।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान से तो यही सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस सहित सभी विपधी दल हाफीज सईद का काम आसान कर रहे हैं? सवाल यह भी है कि ऐसे वक्त जबकि देश में गंभीर स्थिति बनी हुई है कांग्रेस को ऐसी बातें करना चाहिए? हाल ही कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने सरकार पर हमला करते हुए पूछा है कि क्‍या भारत आईएसआईएस के साथ कोई बिजनेस कर रहा है। निश्चित ही यह बयान आतंक के खिलाफ खड़े हुए लोगों के खिलाफ होगा।

गृहमंत्री ने कहा, ‘यूपीए के गृहमंत्री ने हिंदू आतंकवाद की नई टर्म को इजाद करके आतंकवादी घटनाओं की जांच की दिशा को बदलने का काम किया। यूपीए के गृहमंत्री द्वारा हिंदू आतंकवाद की टर्म को इजाद किए जाने पर हाफिज सईद ने उन्हें बधाई दी थी।’

गृहमंत्री ने कहा, ‘लेकिन ऐसी शर्मनाक स्थिति यह सरकार नहीं होने देगी। आतंकवाद, आतंकवाद होता है, उसका हिंदू मुसलमान, या कोई जाति, पंथ और धर्म नहीं होता।’ सिंह के इन आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुए कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार आतंकवाद का राजनीतिकरण कर रही है।

गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और इस मुद्दे पर न तो संसद को और न ही देश को विभाजित दिखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा और उसका जवाब देने के लिए तैयार हैं पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों द्वारा संसद में सरकार के खिलाफ नारेबाजी किए जाने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘एक ओर शहादत हो और दूसरी ओर सदन में शोरशराबा हो, इसे देश कैसे स्वीकार करेगा?’

राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के सवाल पर सदन में गंभीरतापूर्वक चर्चा होनी चाहिए। आतंकवाद की मौजूदा स्थिति के लिए पिछली सरकारों की विदेश नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए गृह मंत्री ने एक शेर पढ़ा : ‘चीन छीन देश का गुलाब ले गया, ताशकंद में वतन का लाल सो गया, हम सुलह की शक्ल ही संवारते रहे, जीतने के बाद बाजी हारते रहे।’ सिंह ने कहा कि संप्रग सरकार की हमेशा यही राजनीति रही है।

इससे पहले अपने लिखित बयान को पढ़ते हुए गृह मंत्री ने कहा, ‘जीपीएस आंकड़ों के प्रारंभिक अध्ययन से संकेत मिलते हैं कि हमलावर तीन आतंकवादियों ने पाकिस्तान से गुरदासपुर जिले के तास क्षेत्र से घुसपैठ की।’ उन्होंने कहा कि भारत की एकता एवं अखंडता तथा देश के नागरिकों की सुरक्षा को कमतर करने के देश के दुश्मनों के किसी भी प्रयास का हमारे सुरक्षा बलों द्वारा त्वरित एवं मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सरकार आतंकवाद से दृढ़ता एवं कड़ाई से निबटने के लिए प्रतिबद्ध है और सीमा पार से चलायी जा रही सभी आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।’ राजनाथ सिंह कल राज्यसभा में अपना यह लिखित बयान पहले ही दे चुके हैं।

सिंह ने लोकसभा में आज जब अपना बयान पढ़ना शुरू किया तो आसन के समक्ष एकत्र होकर नारे लगा रहे कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने अपने स्थान पर चले गए और उनका बयान पूरा होते ही वे फिर से आसन के समक्ष आकर नारे लगाने लगे। हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने कुछ ही देर बाद सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से आधा घंटा पहले ही दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दी। (एजेंसी से इनपुट )