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Last Updated : शुक्रवार, 5 जून 2020 (20:53 IST)

टि्वटर पर महिला IPS अधिकारियों को दी गालियां, अश्लील सामग्री साझा की

टि्वटर पर महिला IPS अधिकारियों को दी गालियां, अश्लील सामग्री साझा की - Female IPS officers were abused on Twitter
नई दिल्ली। मसूरी स्थित सिविल सेवा अधिकारियों के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थान में नियुक्त कुछ महिला पुलिस अधिकारियों को टि्वटर पर कुछ लोगों ने गालियां दीं और अश्लील सामग्री साझा की जिसके बाद संस्थान ने स्थानीय पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के प्रशासन की ओर से प्राप्त शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। अकादमी की ओर से जारी बयान के अनुसार, उत्तराखंड पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने प्राथमिकी दर्ज की है और टि्वटर हैंडल के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

संस्थान ने कहा, हमें सूचना दी गई है कि जांच प्रक्रिया सही चल रही है। अकादमी के अधिकारियों ने इस टि्वटर हैंडल को तुरंत ब्लॉक करने के लिए टि्वटर इंडिया के अधिकारियों को पत्र लिखा है।टि्वटर इंडिया ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

बयान में कहा गया है, अकादमी को उत्तराखंड पुलिस की जांच प्रक्रिया में पूरा विश्वास है और यकीन है कि दोषी को न्याय की जद में लाया जाएगा और उसे उदाहरणीय सजा मिलेगी ताकि ऐसी घटना दोबारा ना हो।इस घटना की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों की एसोसिएशनों ने जल्द जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय की जद में लाने की मांग की है।

उसके अलावा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के सभी कैडर के अधिकारियों ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया है, सीएपीएफ के सभी अधिकारी महिला आईपीएस अधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट और टिप्पणियों की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि ऐसे घटिया लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए।

आईपीएस एसोसिएशन (सेंट्रल) ने ट्वीट किया है, हम महिला आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ टि्वटर पर आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। हमें विश्वास है कि संबंधित पुलिस एजेंसी विस्तृत जांच करने के बाद दोषी को सजा दिलाएगी। हम महिला अधिकारियों के सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अकादमी ने कहा कि इस दौर में अपनी सहकर्मियों के साथ खड़े रहने और आईएएस, आईपीएस और अन्य सेवाओं के अधिकारियों द्वारा एकजुटता दिखाए जाने की वह प्रशंसा करता है। अकादमी ने इस संबंध में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

अकादमी ने गुरुवार को ट्वीट किया, आज कुछ टि्वटर हैंडल से महिला आईपीएस अधिकारियों को गालियां दी गईं, आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री साझा की गई। अकादमी इस दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक ट्वीट की कड़ी निंदा करती है। इस संबंध में उत्तराखंड पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है।आईएएस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने टि्वटर से कहा है कि वह ऐसे पोस्ट और हैंडल को डिलिट करे।

उसने कहा है, हम आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं और ऐसी घटिया सोच रखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। हमने ऐसे हैंडल की शिकायत की है और टि्वटर से उन पोस्ट और हैंडल को डिलिट करने का अनुरोध किया है।

आईएफएस एसोसिएशन ने भी सोशल मीडिया पर महिला अधिकारियों के खिलाफ की गई इन आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है। उसका कहना है, ऐसे कायरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भी इस मामले में अपनी कनिष्ठ महिला सहयोगियों के साथ खड़े हैं।

एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केन्द्र शासित प्रदेश) कैडर के 2007 की आईपीएस अधिकारी असलम खान ने ट्वीट किया है, प्रत्‍येक मनुष्य सम्मान का अधिकारी है। विशेष रूप से महिलाएं,क्योंकि उन्हें अभी भी दोएम दर्जे का माना जाता है।

हम महिला अधिकारी इसलिए निशाने पर रहती हैं क्योंकि हम मुद्दों पर डटकर खड़ी होती हैं और उनसे यह बर्दाश्त नहीं होता। समर्थन के लिए धन्यवाद। मुस्कुराते चेहरों के साथ मुस्कुराती आंखें, अब हम और मजबूती से खड़ी होंगी।
खान ने इशारों-इशारों में कहा कि कुछ आईपीएस अधिकारियों और अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों के बीच कथित रंजिश इस घटना की वजह हो सकती है। सीएपीएस अधिकारियों को पिछले साल ग्रुप ए सेवा का दर्जा दिया गया ताकि उन्हें भारतीय पुलिस सेवा में अपने समकक्षों के अनुरूप ही वेतन और पदोन्नति प्राप्त हो सके।(भाषा)
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