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Last Updated : मंगलवार, 24 अक्टूबर 2017 (18:38 IST)

अर्थव्यवस्था की सेहत की पड़ताल, बोले अरुण जेटली

अर्थव्यवस्था की सेहत की पड़ताल, बोले अरुण जेटली - Economy Arun Jaitley Finance Minister
नई दिल्ली। आर्थिक नीतियों को लेकर चौतरफा विपक्ष के हमलों से घिरी केन्द्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद आज भी मजबूत है, उसे आगे किन आधारों पर और मजबूत बनाना है। इसके लिए आर्थिक क्षमताओं के अनुकूल मार्ग तय किया गया है।
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सरकार द्वारा पिछले साढ़े तीन सालों में किए गए सुधारों का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत महंगाई को काबू में रखते हुए सरकारी खर्चों को बढ़ाने, बैंकों की स्थिति मजबूत करने तथा आधारभूत संरचनाओं के विकास पर खास जोर दिया गया।
 
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष गर्ग ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में मंहगाई लगातार नियंत्रण में रही। चालू  खाता घाटा सुरक्षित दायरे में 2 प्रतिशत से कम रहा जिससे आत्मनिर्भरता बनी रही। विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर के पार पहुंच गया जिससे भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ा।
 
उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद 7.5 प्रतिशत के आस पास रहा। विकास और निवेश में तेजी आई। उत्पादकता बढ़ी तथा भ्रष्टाचार पर लगाम कसी गई विकास को गति देने के लिए बिजली, सड़क, आवास, रेल तथा छोटे और मध्यम उद्योगों पर सबसे ज्यादा खर्च किया गया। इन क्षेत्रों पर आगे भी और खर्च किया जाना है। इसके लिए 3 लाख 85 हजार करोड़ रुपए के खर्च का लक्ष्य रखा गया है।
  
बिछेगा सड़कों का जाल : वित्त सचिव अशोक लवासा ने बताया कि अगले पांच वर्षों में 83677 किलोमीटर सड़कों का जाल बिछाने के लिए 6 लाख 92 हजार करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे। इससे 14.2 करोड़ मानव दिवसों का रोजगार सृजित होगा।
 
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के तहत अगले तीन में 88185 करोड़ रुपए खर्च करके 1 लाख 9 हजार 302 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी। वर्ष 2019-20 तक नक्सल प्रभावित 44 जिलों में नई सड़कें बनकर तैयार हो जाएंगी तथा 11725 करोड़ रुपए की लागत से 5411 किलोमीटर सड़कों को बेहतर बनाया जाएगा।
 
भारतमाला परियोजना के पहले चरण में तटवर्ती क्षेत्रों और बंदरगाहों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए करीब 2000 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क संपर्क को मजबूत किया जाएगा जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पुख्ता होगी। विभिन्न देशों के साथ व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए सीमा पर विभिन्न स्थानों पर ढांचागत सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। व्यापार के लिए सबसे छोटे मार्गों की पहचान की गई है। (वार्ता)