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Last Modified: चेन्नई , मंगलवार, 28 जुलाई 2015 (07:33 IST)

अपनी ड्रीम बुक को अधूरा ही छोड़कर चले गए कलाम

अपनी ड्रीम बुक को अधूरा ही छोड़कर चले गए कलाम - DR. Abdul Kalam
चेन्नई। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम तमिलनाडु के विकास के संबंध में अपनी एक महत्वाकांक्षी किताब पर काम कर रहे थे और तमिल भाषा में लिखी जा रही इस किताब के उन्होंने सात अध्याय पूरे कर लिए थे और यह किताब तकरीबन पूरी ही होने वाली थी कि कलाम बीच में ही चले गए।
 
कलाम की ‘विजन 2020’ में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की कल्पना की गई थी और इसी प्रकार कलाम तमिलनाडु के लिए भी ऐसी ही एक किताब पर काम कर रहे थे।
 
किताब के सह लेखक तथा कलाम के वैज्ञानिक सलाहकार वी पोनराज ने बताया कि 'एन्नाथिल नालामिरूंथाल कनावू तमिलगम उरूवागम, पुयालाई थांडीनाल थेंडराल' शीषर्क वाली किताब के सात अध्यायों को काफी विस्तृत विचार विमर्श के बाद अंतिम रूप दे दिया गया था।
 
उन्होंने बताया कि 23 जुलाई को इस किताब पर उनकी कलाम से अंतिम बात हुई थी।
 
पोनराज ने एक तमिल टीवी चैनल को बताया कि वह एक विकसित तमिलनाडु का सपना देखते थे और चाहते थे कि यह राज्य फले फूले। किताब में उनकी इसी दृष्टि को पेश किया गया है।
 
कलाम अंतिम समय तक सक्रिय थे और अपने ट्विटर एकाउंट पर उन्होंने शिलांग व्याख्यान के बारे में लिखा था जो उनका अंतिम भाषण रहा। (भाषा)