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Last Updated : सोमवार, 2 फ़रवरी 2015 (01:12 IST)

दिल्ली विधानसभा का चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचा

दिल्ली विधानसभा का चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचा - Delhi assembly elections
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार समाप्त होने में जब मात्र चार दिन शेष बचे हैं, चुनाव प्रचार आज अपने चरम बिंदु पर पहुंच गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सात फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान में सोनिया गांधी के पहली बार कूदने के साथ ही चारों नेताओं ने आरोप और प्रत्यारोप लगाए। सोनिया ने ‘प्रचारक’ मोदी और ‘धरनेबाज’ केजरीवाल को आड़े हाथ लिया। सोनिया ने इसके साथ ही मतदाताओं से कहा कि वे ‘घृणा की राजनीति’ से बचें।
 
प्रधानमंत्री ने मतदाताओं का आह्वान किया कि वे भाजपा का समर्थन करें और उनका समर्थन ना करें जो ‘धरना’ देने में विश्वास करते हैं। उन्होंने इसके साथ ही अपने विपक्षियों पर निशाना साधा जो यह कहते हैं कि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इसलिए नीचे आई हैं क्योंकि मोदी ‘भाग्यशाली’ हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘प्रतिद्वंद्वी’ विशेष रूप से कांग्रेस कहती है कि कीमतें केवल इसलिए नीचे आई है क्योंकि वह ‘लकी’ हैं। उन्होंने कहा, ‘आप भाग्यशाली व्यक्ति चाहते हैं या कोई ऐसा व्यक्ति चाहते हैं जो कम भाग्यशाली हो।’
 
मोदी ने अपने विरोधियों पर कटाक्ष करते कहा, ‘ठीक हैं, हम स्वीकार कर लेते हैं कि मैं भाग्यशाली हूं लेकिन आपके पैसे बचे हैं। यदि मोदी के भाग्य से लोगों को लाभ हो रहा है तो इससे अधिक मंगल क्या हो सकता है? मेरे अच्छे भाग्य से पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो गई हैं और आम आदमी अधिक बचत करता है, तो बदकिस्मत व्यक्ति को लाने की क्या जरूरत है।’ 
 
मोदी ने यह बात दक्षिण पश्चिम दिल्ली के द्वारका में एक रैली को संबोधित करते हुए कही। मोदी की गत दो दिनों में दूसरी रैली थी।
 
उन्होंने आप और कांग्रेस के पिछले वर्ष के गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि दोनों दलों पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने सरकार बनाने के लिए ‘पर्दे के पीछे हाथ मिला लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘यद्यपि चुनाव घोषित होते ही उन्होंने झूठ फैलाने में एक-दूसरे से मुकाबला शुरू कर दिया ताकि सनसनी फैल सके और उन्हें मीडिया में कुछ जगह मिल सके।’ 
 
उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए लोगों से पूछा कि वे धरने चाहते हैं या विकास। उन्होंने कहा कि यदि मतदाता ऐसे किसी व्यक्ति को चुनते हैं, जिसकी रूचि मुद्दों के बारे में बात करने और उनका समाधान करने की बजाय ‘धरनों’ और ‘टेलीविजन मीडिया में जगह बनाने’ में अधिक हो तो शहर को खामियाजा उठाना पड़ेगा। 
 
केजरीवाल ने स्वयं पर ‘धरनों’ को लेकर लगातार साधे जा रहे निशाने पर कहा, ‘मैं स्वयं के लिए धरने पर नहीं बैठता। मैं लोगों के लिए ही धरने पर बैठता हूं।’ केजरीवाल ने शास्त्रीनगर में अपनी रैली में मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सोचते थे कि प्रधानमंत्री बड़ी योजनाओं के बारे में बोलेंगे लेकिन वह उनके खिलाफ ही बोलते रहे।
 
सोनिया ने दिल्ली में अपनी पहली रैली बदरपुर के पास मीठापुर में संबोधित की, जिसमें उन्होंने मतदाताओं से दिल्ली को ‘खोखले वादे’ करने वालों से बचाने का आह्वान किया।
 
उन्होंने कहा, ‘एक पार्टी में एक प्रचारक है जो केवल ‘प्रचार’ करता है जबकि दूसरी पार्टी में केवल धरनेबाज है जो हर समय धरने करने में व्यस्त रहता है। दिल्ली को झूठे वादे नहीं बल्कि सुशासन की जरूरत है..भाजपा और आप केवल बड़ी-बड़ी बातें कर सकते हैं और खोखले वादे कर सकते हैं।’ 
 
सोनिया ने इसके साथ ही साम्प्रदायिक हिंसा का मुद्दा उठाया जो विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में हुआ था और आरोप लगाया कि ऐसा राज्य में ‘सत्ता पर कब्जे’ के लिए किया गया।
 
उन्होंने धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूती प्रदान करने का आह्वान करते हुए कहा, ‘कुछ ऐसी ताकतें है जो ऐसी घटनाएं उत्पन्न करती हैं जैसी त्रिलोकपुरी और दिलशाद गार्डन में हुई। ऐसी ताकतों को हराना पड़ेगा, जो घृणा की राजनीति फैलाती हैं।’ 
 
सोनिया ने आरोप लगाया कि भाजपा दिल्ली में चुनाव को विलंबित करती रही और राष्ट्रपति शासन के नाम पर यहां अपना शासन जारी रखा। (भाषा)