शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Dadri massacre
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 6 अक्टूबर 2015 (08:21 IST)

सांप्रदायिक दंगे भड़काने वालों पर कार्रवाई हो : गृह मंत्रालय

सांप्रदायिक दंगे भड़काने वालों पर कार्रवाई हो : गृह मंत्रालय - Dadri massacre
नई दिल्ली। दादरी में अफवाह पर एक व्यक्ति की भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या पर आक्रोश के बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को परामर्श जारी कर धार्मिक भावनाएं भड़काकर धर्मनिरपेक्ष तानेबाने को कमजोर करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। मंत्रालय इस तरह के मामलों को देखने वाले अपने एक अहम विभाग के लिए कोष बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रहा है।
केंद्र ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अल्पसंख्यकों के सम्मान और सशक्तिकरण को प्रतिबद्ध है। उसने इस बात पर जोर दिया कि उसके विकास कार्यो को फीका करने वाले विध्वंसक एजेंडे को वह हावी नहीं होने देगी। 
 
गृह मंत्रालय के अनुसार कानून व्यवस्था मूल रूप से राज्य का विषय है लेकिन गृह मंत्रालय दादरी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना समेत देशभर में सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी अनेक घटनाओं को लेकर चिंतित है। इसी क्रम में गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को परामर्श जारी किया।
 
दादरी की घटना पर गृह मंत्रालय ने 1 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी थी और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। हालांकि राज्य सरकार ने अभी गृह मंत्रालय को जवाब नहीं दिया है, जिस वजह से मंत्रालय ने रिपोर्ट भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को रिमाइंडर भेजा।
 
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2015-16 के बजट में गृह मंत्रालय के मानवाधिकार विभाग को कोई धन आवंटित नहीं किया गया। हम अब इसे धन उपलब्ध कराने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। ‘मानवाधिकार विभाग’ मानवाधिकार कानून के संरक्षण से जुड़े मामलों और राष्ट्रीय अखंडता तथा सांप्रदायिक सौहार्द एवं अयोध्या से संबंधित विषयों को देखता है।
 
देश में जून 2015 तक 330 सांप्रदायिक घटनाएं घटीं, जिनमें 51 लोगों की जान चली गई। गृह मंत्रालय सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए विभिन्न समुदायों के बीच संवाद बढ़ाने के लिहाज से एक मंच स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है। 
 
अधिकारी ने कहा कि समुदायों के बीच कोई संवाद नहीं होने से सांप्रदायिक तनाव होता है। अगर हम ऐसा मंच प्रदान कर सकें जहां समुदायों के नेता बात कर सकें और अपने मतभेदों को सुलझा सकें तो कई घटनाओं को होने से रोका जा सकता है।
 
अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा है कि उत्तरप्रदेश की घटना के पीछे जो लोग भी हैं, उन्हें कानून के तहत दंडित किया जायेगा। उन्होंने इस मुद्दे पर विवादास्पद बयान नहीं देने की अपील की और मोदी के इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं बोलने के आरोपों को कमतर करने का प्रयास करते हुए कहा कि इस मामले में केंद्रीय मंत्रियों ने जो कुछ कहा है, वह प्रधानमंत्री की आवाज है।
 
अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार का ध्यान केवल विकास, विकास और विकास पर है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबद्धता के आधार पर हम कतार के अंतिम व्यक्ति तक विकास की लौ पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। 
 
नकवी ने कहा कि विकास के एजेंडे के ऊपर किसी अन्य एजेंडे को हावी नहीं होने दिया जाएगा। ऐसा नहीं होगा और हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। चाहे हमारा मंत्रालय हो या कोई अन्य मंत्रालय हमारी प्रतिबद्धता शांति और समृद्धि बनाए रखना है। (भाषा)