जानिए क्यों जानलेवा है गर्मी
इन दिनों दक्षिण से लेकर उत्तर भारत तक गर्मी से हाहाकार मचा हुआ है। मई के अंत में सूर्य अपने पूरे तेज पर है। खबरों के अनुसार देशभर में गर्मी ने करीब 1412 लोगों को जान ले ली है। इनमें आंध्रप्रदेश में ही 1360 लोगों की मौत हो चुकी है। यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, आध्रप्रदेश में उड़ीसा में पारा 46 से 48 डिग्री सेल्सियस के बीच जा रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में ऐसी गर्मी पड़ने वाली है। तेज तपन कहीं किसी बड़े जलवायु परिवर्तन का संकेत तो नहीं है।
पराबैंगनी किरणों का प्रभाव : बढ़ते तापमान की वजह से सूरज की पराबैगनी किरणे लोगों के स्वास्थ्य में एक गहरा असर डाल रही हैं। पुणे के एक रिसर्च संगठन ने एक रिपोर्ट में बताया है कि दिल्ली जैसे बड़े शहरों में पराबैंगनी किरणें सामान्य से ज्यादा ऊपर पहुंच चुकी हैं। इस संगठन ने दो सप्ताह पहले दिल्ली में एक मॉनीटरिंग सिस्टम लगाया था
जिसमें उन्होंने पाया कि यूवी इंडेक्स पर पराबैगनी किरणें 6 से 9 के बीच जा रही हैं। इस प्रकार की किरणें लोगों को बीमार करने के लिए बहुत हैं। सीएसई शोधकर्ताओं के अनुसार, सरकार को इस संबंध में समझने की जरूरत है कि लोगों को इन गर्म हवाओं के कुप्रभाव के बारे में बताया जाए ताकि लोग इस तरह की समस्याओं का सामना कर पाएं।
अगले पन्ने पर, हर आधे घंटे में मौत...
आधे घंटे में मौत : वर्ल्ड मेटरियोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक गर्मी में हुई मौतों का कारण ज्यादा समय तक धूप में रहना है। इसका एक बड़ा कारण अल्ट्रावायलेट किरणें हैं। इन किरणों का स्तर 0 से 7 होता है, लेकिन आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और उड़ीसा में यह इस समय 12 से ऊपर चल रहा है। इसके कारण लोगों को सनस्ट्रोक हो रहा है। अगर आधे घंटे कोई व्यक्ति इन किरणों के बीच रहे तो उसकी मौत हो सकती है। दिल्ली में पराबैगनी किरणें का इंडेक्स 6 से 9 के बीच जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी घातक हैं ये पराबैंगनी किरणें।
पराबैंगनी किरणों का स्तर और खतरा
0-4 खतरा नहीं
4-5 कम
5-7 मध्यम
7-10 ज्यादा
10 से ज्यादा मौत