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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated :श्रीनगर , बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (17:19 IST)

चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं

चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं -
श्रीनगर। लद्दाख के मोर्चे पर तनातनी के बीच भारतीय सेना ने लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के तहत आने वाले 81वीं माउंटेन ब्रिगेड को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। यह ब्रिगेड पहाड़ी इलाकों में लड़ाई में दक्ष माना जाता है और कारगिल युद्ध में अपना कौशल दिखा चुका है। इसके अतिरिक्त सेना की 15 बटालियनों के साथ ही कुछ हजार रिजर्व सैनिकों को भी चुमार के उस क्षेत्र की ओर मार्च करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है जहां चीनी सैनिकों के साथ खूनी टकराव की आशंका पैदा हो चुकी है।
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लद्दाख के चुमार क्षेत्र में भारतीय सेना और चीनी सेना आमने-सामने है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सीमा में अपने सात तंबू गाड़ दिए और सीमा से वापसी के कोई संकेत नहीं दे रही। शनिवार को गाड़ियों पर सवार होकर लेह से 300 किमी दूर चुमार में आए चीनी सैनिकों ने भारतीय थलसेना की ओर से इलाके को खाली करने की चेतावनी बार-बार दिए जाने के बावजूद भारतीय सीमा में अपने तंबू गाड़ लिए। 
 
अब खबर ये भी आ रही है कि चीनी सैनिकों ने घुसपैठ के बाद गांव वालों को धमकाया है और भारत के खिलाफ प्रदर्शन करने का दबाव बनाया है। चीनी सैनिकों ने गांव वालों के 14 घोड़े छीने हैं और इन्ही से वे गश्त लगा रहे हैं। भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम पोस्ट प्वाइंट 30 आर के पास तकरीबन 1000 चीनी सैनिक जमे हुए हैं। इसी पोस्ट की मदद से भारतीय सैनिक चीन के कब्जे वाले इलाके में निगरानी रखते हैं। यहां पर भारतीय सेना चीनी सेना से अधिक मजबूत है इसलिए अक्सर हताशा में चीनी सैनिक यहां पर घुसपैठ करते हैं।
 
हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हां पाई है पर सूत्र बताते हैं कि कुछ हजार सैनिकों की कुमुक को भारतीय सेना ने चुमार क्षेत्र की ओर रवाना कर दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि फिलहाल चुमार में सेना के साथ ही आईटीबीपी के जवान डेरा डाले हुए हैं और हमले या संक्षिप्त युद्ध की स्थिति में सेना को आशंका है कि आईटीबीपी के जवान चीनी सैनिकों का मुकाबला नहीं कर पाएंगें।
 
अधिकारियों का कहना है कि भारतीय पक्ष मामले को बातचीत के स्तर पर सुलझाने की कोशिश में जुटा है और साथ ही वह किसी प्रकार की उस परिस्थिति से निपटने की तैयारी में है जैसी आशंका क्षेत्र के हालात पैदा कर रहे हैं। एक सूत्र के अनुसार, चीनी सेना के इरादे ठीक नहीं लगते हैं और भारतीय सेना क्षेत्र से अपना कब्जा इसलिए भी छोड़ना नहीं चाहती क्योंकि इसी प्वाइंट से वह चीन के कब्जे वाले कश्मीर पर पूरी नजर रख सकती है। जो चीनी सेना को अखर रहा है।
 
याद रहे चीनी सेना द्वारा लद्दाख के चुमार क्षेत्र में घुसपैठ के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी सेना को वापस अपनी सीमा में लौट आने के आदेश दिए थे। चीन के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर कहा गया है कि सभी सैनिकों को चीनी राष्ट्रपति का आदेश मानना है। वेबसाइट पर कहा गया है कि राष्ट्रपति के आदेश को मानने के बाद तुरंत अपडेट दिया भी जाए। हालांकि इसके बावजूद चीनी सैनिक भारतीय सीमा में डटे हुए हैं। 
 
इस बीच सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने अपना चार दिनी भूटान दौरा निरस्त कर दिया है। सेनाध्यक्ष को 22-25 सितंबर को सरकारी दौरे पर भूटान जाना था। सेना मुख्यालय सूत्रों ने सेनाध्यक्ष का विदेश यात्रा कार्यक्रम रद्द होने की तस्दीक की है। रक्षा मंत्रालय ने जनरल सिंह की यात्रा रद्द किए जाने के कारणों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। पर इसके पीछे सूत्र चीन सीमा पर बने हालात को ही कारण बता रहे हैं।