कॉल ड्रॉप छिपाने वाली प्रौद्योगिकी की जांच के निर्देश : रविशंकर प्रसाद
नई दिल्ली। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि टेलीकॉम ऑपरेटरों के रेडियो लिंक प्रौद्योगिकी (आरएलटी) के माध्यम से कॉल ड्रॉप छिपाने के मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
प्रसाद ने मोदी सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की उपलब्धियों को बताने के दौरान यहां चर्चा में आरएलटी के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि दूरसंचार नियामक ट्राई और दूरसंचार विभाग इसकी जांच कर रहा है और जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती, कुछ नहीं कहा जा सकता है। मामले में सही पाए जाने पर ट्राई कार्रवाई करने में सक्षम है।
कॉल ड्रॉप के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पिछले 1 वर्ष में 1 लाख टॉवर लगाए गए हैं जिनमें से 6 हजार टॉवर दिल्ली में हैं।
उल्लेखनीय है कि टेलीकॉम कंपनियों के आरएलटी के जरिए कॉल ड्रॉप को छिपाने एवं ग्राहकों से ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। इस प्रौद्योगिकी से ग्राहक के संबंधित नंबर को डॉयल करने पर लगता है कि कॉल कनेक्ट हो चुका है जबकि आवाज आती नहीं है और बगैर बात हुए भी ग्राहक के खाते से शुल्क कट जाता है।
कॉल ड्रॉप पर ऑपरेटरों पर जुर्माना लगाने के आदेश को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ट्राई अभी निर्णय का अध्ययन कर रहा है और यदि उसे सरकार की ओर से किसी तरह की मदद की जरूरत होगी तो उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रसाद ने इस मौके पर डिजिटल इंडिया वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने शीघ्र 'उमंग' नाम से एक मोबाइल ऐप लांच करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय निकायों की 1 हजार सेवाएं उपलब्ध होंगी। (वार्ता)