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Last Modified: शनिवार, 28 फ़रवरी 2015 (14:24 IST)

बजट 2015-16 की मुख्य विशेषताएं जानिए

बजट 2015-16 की मुख्य विशेषताएं जानिए - budget point
नई दिल्ली। प्रतिकूल वृहद आर्थिक संकेतकों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पहले निराशा के दौर में थी, किंतु पिछले नौ महीनों में देश कामयाबी की छलांग लगाते हुए 7.4 प्रतिशत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के साथ अब नई श्रृंखला में विश्व की सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थवस्था के रुप में सामने आया है।

* पिछले नौ माह में भारतीय अर्थव्यवस्था की साख बढ़ी।
* भारतीय अर्थव्यवस्था तीव्र विकास के पथ पर।
* कमजोर वैश्विक आर्थिक वृद्धि के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के अधिकांश विकास संकेतक उन्नति के मार्ग पर।
* भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में आर्थिक रूप से सशक्त राज्यों की समान रूप से सहभागिता।
* शेयर बाजार में 2014 में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।
* दीर्घकालिक गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन और दोहरे अंकों की विश्वसनीय आर्थिक विकास दर हासिल की गई।
* विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर सेवा के माध्यम से सरकार ने जनता का विश्वास हासिल किया।
* वित्तीय समायोजन- सौ दिनों के भीतर 12.5 करोड़ परिवारों को वित्तीय मुख्य धारा में शामिल गया।
* राज्यों के संसाधनों में वृद्धि के लिए पारदर्शी कोयला ब्लॉक नीलामी।
* स्वच्छ भारत अभियान न सिर्फ स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार का एक कार्यक्रम है बल्कि यह भारत के पुनर्निमाण आंदोलन का रूप ले चुका है।
* व्यापक सुधारों का शुभारंभ- माल और सेवाकर जीएसटी मुद्रा स्फीति में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई।
* वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत खुदरा मुद्रस्फीति। मौद्रिक नीति को सरल बनाया।
* मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से कम रखने की दृष्टि से भारतीय रिजर्व के साथ मौद्रिक नीति प्रारूप समझैता।
* वर्ष 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में टीम इंडिया हेतु दृष्टिकोण सभी के लिए आवास- शहरी क्षेत्रों में 2 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 करोड़ आवास।
* 24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल, एक शौचालय सड़क संपर्क की मूलभूत सुविधा।
* केवल 12 रुपए प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए के दुर्घटना जन्य मृत्यु जोखिम को कवर करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना।
* पीपीएफ में लगभग 3 हजार करोड़ रुपए कर्मचारी भविष्यनिधि की संचित राशि में अनुमानत: 6 हजार करोड़ रुपए की अदावाकृत जमा राशि।
* सड़कों और रेल मार्गो के लिए परिव्यय में तीव्र वृद्धि।
* 20,000 करोड़ रुपए के वार्षिक प्रवाह से राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि की स्थापना की जाएगी।
* प्लग और प्ले मोड में 4000.4000 मेगावाट क्षमता वाली 5 नई अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाएं।
* सोना खरीदने के लिए विकल्प के तौर पर सरकारी स्वर्ण बॉण्ड स्कीम बनाना।
* भारतीय सोने के सिक्के बनाने की दिशा में कार्य करना, जिसके अग्र भाग में अशोक चक्र होगा।
* निर्भया निधि के लिए 1000 करोड़ रुपए।
* आगमन पर वीजा सुविधा का विस्तार चरणबद्ध तरीके से 150 देशों तक करना।
* नवीकरणीय उर्जा क्षमता को 2022 तक बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट तक करने का लक्ष्य।
* आंध्रप्रदेश की तरह बिहार और पश्चिम बंगाल में विशेष सहायता उपलब्ध कराई।
* जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और असम में नए एम्स की स्थापना, बिहार में एम्स जैसे दूसरे संस्थान की स्थापना।
* वित्त वर्ष हेतु आयोजा भिन्न व्यय 13,12,200 करोड़ रुपए अनुमानित।
* आयोजना व्यय 4,65,277 करोड़ रुपए अनुमानित है।
* कुल व्यय 17,77,477 करोड़ रुपए अनुमानित है।
* रक्षा, आंतरिक सुरक्षा व्यय और अन्य आवश्यक व्यय की आवश्कता की पर्याप्त पूर्ति का प्रावधान किया गया।
* सकल कर प्राप्तियां 14,49,490 करोड़ रुपए अनुमानित है।
* राज्यों को अंतरण 5,23,958 करोड़ रुपए अनुमानित है।
* केन्द्र सरकार का हिस्सा 9,19,842 करोड़ रुपए होगा।
* आगामी वित्त वर्ष के लिए कर-भिन्न राजस्व 2,21,733 करोड़ रुपए अनुमानित है।
* अगले वित्त वर्ष से चार वर्षो में कार्पोरेट कर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
* बचत सुगम बनाने के लिए करदाता को व्यक्तिगत छूट जारी करेगी।
* काले धन के सृजन और उसे छिपाने के कृत्य से प्रभावी और कठोरतापूर्वक निपटा जाएगा।
* इस मामले में स्विस अधिकारियों के साथ बातचीत के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए है।
* काले धन पर महत्वपूर्ण नए कानून।
* देश में विनिर्माण इकाईयों का विकास और निवेश तथा संवर्धन उपलब्ध कराना ताकि उनमें रोजगार सृजन हो सके।
* एंबुलेंस के चेसिस पर उत्पाद शुल्क को 24 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया।
* कर प्रक्रियाओं का सरलीकरण।
* वार्षिक रूप से एक करोड़ से अधिक कर योग्य आय वाले लोगों पर 2 प्रतिशत का अतिक्त अधिभार।
* घरेलू अंतरण मूल्य निर्धारण की प्रारंभिक सीमा पांच करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए की गई।
* नशीले पदार्थो के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय निधि में किया गया अनुदान आयकर अधिनियम की धारा 80जी के अंतर्गत 100 प्रतिशत छूट।
* स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि में सीएसआर में अंशदानों के लिए 100 प्रतिशत की कर छूट।
* स्वच्छ पर्यावरण पहलों के लिए वित्त पोषण के लिए कोयला आदि पर स्वच्छ उर्जा उप कर को 100 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए प्रति मीट्रिक टन किया गया।
* विद्युत चालित वाहनों और हाई ब्रिड वाहनों पर लागू रियायती सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क की समय सीमा 31 मार्च 2016 तक बढ़ाई गई।
* स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की छूट सीमा को 15 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 20,000 से 30,000 हजार रुपए तक किया गया।
* 80 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ नागरिक जो स्वास्थ्य बीमा में कवर नहीं है, उन्हें चिकित्सीय व्यय के लिए 30 हजार रुपए की कटौती की अनुमति दी गई।
* विकलांग व्यक्तियों के लिए 25 हजार रुपए की अतिरिक्त कटौती।
* पेंशन निधि और नई पेंशन स्कीम में अंशदान के लिए 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट।
* कृषि उत्पाद की ढुलाई में सेवाकर से छूट जारी रहेगी।
* कृत्रिम हृदय को 5 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्क और सीवीडी से छूट।  
* प्रति बूंद जल से अधिक फसल प्राप्त करने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना।
* वर्ष 2015-16 के लिए आठ दशमलव पांच लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण लक्ष्य।
* ऋण देने में अंतरजातीय और अंतर जन जातीय उद्यमों को वरीयता।
* गांवों में फैले 1,54,000 उपस्थित केंद्रों वाले डाक नेटवर्क का सामान्य वित्तीय प्रणाली तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाएगा।
* आजीविका के लिए परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार।
* गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रीत करने का लक्ष्य।
* मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से भारत को विश्व के विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करना।
* युवाओं को रोजगार सृजन बनाने के लिए उद्यमिता की भावना का प्रोत्साहन और विकास।
* पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों का देश के अन्य भागों की तरह ही विकास कारना।
* सरकार सकल घरेलू उत्पाद की तीन प्रतिशत की दर पर राजकोषीय घाटा लक्ष्य हासिल करने के लिए कृतसंकल्प है।
* लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ से बढ़ाकर 10 दशमलव 3 करोड़ के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का विस्तार।
* कृषि उत्पादन हेतु दो महत्वपूर्ण निर्णायक कारकों मृदा और जल से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।
* परंपरागत कृषि विकास योजना को पूरी तरह से सहायता प्रदान की जाएगी।