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Written By सुरेश डुग्गर
Last Updated :जम्मू , रविवार, 23 अक्टूबर 2016 (16:19 IST)

जांबाज बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह शहीद

जांबाज बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह शहीद - BSF constable Gurnam Singh dies
जम्मू। जम्मू-कश्मीर कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों के हमले में शुक्रवार को घायल हुए बीएसएफ के जवान गुरनाम सिंह की शनिवार रात को मौत हो गई।
 
पुलिस के अनुसार 26 साल के इस जांबाज ने यहां के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रात करीब 11:45 बजे अंतिम सांस ली। 
 
कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ के बड़े प्रयास को नाकाम करने में गुरनाम की अहम भूमिका रही थी। बात 19-20 अक्टूबर की रात की है। जम्मू के हीरानगर सेक्टर के बोबिया पोस्ट पर गुरनाम तैनात था। अचानक पौने बारह बजे उसकी नजर पड़ती है कि सरहद पर कोई हलचल हो रही है। 150 मीटर कुछ धुंधले चेहरे दिखने लगते हैं। बिना देर किए गुरनाम अपने साथियों को अलर्ट करता है।

तब तक दूसरी ओर तैनात पाकिस्तानी रेंजर्स को पता लग चुका था कि गुरनाम ही वो मुख्य सिपाही है जिसकी वजह से उसे मुंह की खानी पड़ी। 21 अक्टूबर को सुबह 9.35 रेंजर्स ने बदला लेने के ख्याल से स्नाइपर रायफल्स से उस पर फायर किया। यह ऐसी राइफल है जिससे काफी दूर से सटीक निशाना साधा जा सकता है। गोली सीधे निशाने पर गुरनाम को लगी। इसके बावजूद जांबाज गुरनाम ने हथियार नहीं डाले बल्कि उन पर फायर करता रहा। 
बीएसएफ ने पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान रेंजर्स के सात लोगों और एक आतंकवादी को मार गिराया था। पांच साल पहले बीएसएफ में शामिल हुए, सिख परिवार में जन्मे गुरनाम जम्मू के रणवीरसिंह पुरा इलाके के रहने वाले थे। गुरनाम की दिली ख्वाहिश थी कि बीएसएफ में शामिल हों। इनके भाई और बहन इन्हें अपने आदर्श की तरह देखते हैं।