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Last Modified: बेंगलुरु , बुधवार, 15 फ़रवरी 2017 (15:36 IST)

अब ब्रह्मोस के घेरे में चीन और पाकिस्तान...

अब ब्रह्मोस के घेरे में चीन और पाकिस्तान... - BrahMos cruise missile range to increase to 450km: DRDO chief
बेंगलुरु। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का नया संस्करण पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों के साथ चीन के खास इलाकों तक लक्ष्य भेद पाएगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख एस क्रिस्टोफर ने बताया कि 450 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के नए संस्करण का पहला परीक्षण 10 मार्च को किया जाएगा। 
 
बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया शो में पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ क्रिस्टोफर ने कहा कि आगामी दो से ढाई वर्षों के दौरान ब्रह्मोस की मारक क्षमता को 800 से 850 किलोमीटर तक किया जाएगा। 
 
मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण इकाई (एमटीसीआर) के प्रभाव के विषय में बात करते हुए डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि इसका लाभ यह हुआ है अब भारत ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता बढ़ा सकता है जो पहले 290 किलोमीटर पर सीमित की हुई थी। 
 
यह पूछे जाने पर कि क्या मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण इकाई (एमटीसीआर) के प्रतिबंधों का असर भारत की अग्नि श्रेणी की बैलेस्टिक मिसाइलों की मारक क्षमता पर पड़ेगा तो डॉ क्रिस्टोफर ने नकारात्मक जवाब दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि अग्नि मिसाइलों की मारक क्षमता को पांच हजार किलोमीटर से अधिक बढ़ाया जाएगा भले ही इससे कुछ देश नाराज हों।
 
भारत के एमटीसीआर में शामिल होने के बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि भारत ब्रह्मोस की मारक क्षमता को 300 किलोमीटर से अधिक करेगा। दरअसल गैर एमटीसीआर देश 300 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता वाले क्रूज मिसाइलों को विकसित नहीं कर सकते हैं।
 
डॉ. क्रिस्टोफर ने कहा कि मारक क्षमता में की गई बढ़ोतरी का परीक्षण सेना के मिसाइल से किया जाएगा। परीक्षण के लिए 10 मार्च की तारीख तय की गई है। उनके अनुसार मारक क्षमता का दायरा बझाकर 800 किलोमीटर तक करने में दो से ढाई साल लग जाएंगे। (वार्ता)
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