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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 4 जुलाई 2015 (00:39 IST)

कालाधन कानून : अघोषित विदेशी खातों की जमा पर टैक्स

कालाधन कानून : अघोषित विदेशी खातों की जमा पर टैक्स - Black money law
नई दिल्ली। नए कालाधन कानून के तहत विदेशों में रखी अघोषित धन-संपत्तियों जैसे अचल संपत्ति, आभूषण, शेयर तथा कलाकृतियों पर उनके बाजार मूल्य के हिसाब से कर और जुर्माना लगाया जाएगा।
कालेधन पर बना नया कानून एक जुलाई से लागू हो गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नए कानून के तहत नियमों की घोषणा करते हुए कहा कि सभी विदेशी आय और परिसंपत्तियों इनमें 30 सितंबर को समाप्त हो रही अनुपालन खिड़की के तहत स्वैच्छिक रूप से घोषित संपत्ति व आय का मूल्य रुपए में निकाला जाएगा।
 
कानून के नियमों की घोषणा करते हुए कर विभाग ने कहा है कि विदेशी बैंक खातों का कुल मूल्य, इन खातों को खोले जाने के बाद से उसमें समय समय पर जमा की गई राशि को जोड़कर निकाला जाएगा।
 
संपत्ति का मौजूदा मूल्य अगर उसके क्रय मूल्य से कम है तो कर विभाग उस पर कर एवं जुर्माने के आकलन के लिए खरीद मूल्य पर ही विचार करेगा।
 
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा अधिसूचित नियमों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के पास विदेशों में अघोषित संपत्ति है तो उसे 90 दिन की अनुपालन अवधि के दौरान 30 सितंबर तक निर्धारित प्रारूप में रुपए में इसके मूल्य की घोषणा करनी होगी और उस पर कुल 60 प्रतिशत की दर से कर और जुर्माना देना होगा। इस अवधि में संपत्ति की घोषणा करने वाले को कर चुकाने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया जाएगा। 
 
काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) तथा कर अधिरोपण कानून, 2015 में 90 दिन की अनुपालन मोहलत दी गई है ताकि व्यक्ति कालाधन मामले में पाक साफ होकर निकल सके। यह अवधि बीत जाने के बाद विदेशों से आय या संपत्ति पर 120 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान है। 
 
नियम के मुताबिक अनुपालन अवधि के दौरान अथवा इसके बीत जाने के बाद दोनों ही स्थितियों में कर और जुर्माने की गणना विदेशी आय और संपत्ति के मूल्य पर की जाएगी।
 
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार संपत्ति घोषित करने वाले को 10 अक्टूबर तक आयकर आयुक्त को यह सूचित करना होगा कि क्या सक्षम प्राधिकरण के पास घोषित संपत्ति के बारे में पहले से कोई सूचना है। आयुक्त से सूचना मिलने के 15 दिन के भीतर संपत्ति घोषित करने वाला व्यक्ति अपनी घोषणा में बदलाव कर सकता है।
 
अचल संपत्ति का उचित बाजार मूल्य उसकी अधिग्रहण लागत से अधिक या मूल्यांकन की तिथि पर खुले बाजार में बिक्री से प्राप्त राशि होगी। यही सिद्धांत सर्राफा, आभूषण या मूल्यवान पत्थर के साथ-साथ पुरातत्व महत्व के संग्रह, पेंटिंग्स और प्रतिमा या कलाकृति का मूल्य तय करने में भी लागू होगा।
 
शेयर एवं प्रतिभूतियों का मूल्य निकालने के बारे में नियम कहता है कि यह खरीद लागत से अधिक होगा या मूल्यांकन के दिन उसके निम्न एवं अधिकतम मूल्य का औसत होगा। नियमों में सात फार्म दिए गए है। इसमें वह फार्म भी हैं जिसे देश के बाहर संपत्ति की घोषणा करते समय भरना होगा।
 
संपत्ति मालिक को स्थान के साथ संपत्ति का उचित बाजार मूल्य तथा खरीद की तिथि का पूरा ब्योरा देनी होगा। आभूषण के संदर्भ में उसकी शुद्धता, मात्रा तथा सोना, हीरा तथा अन्य मूल्यवान पत्थरों की शुद्धता, मात्रा तथा मूल्य के बारे में घोषणा करनी होगी।
 
नियमों के अनुसार मूल्यांकन की तारीख के दिन विदेशी संपत्ति तथा आय को भारतीय रुपएमें तब्दील करने के लिए रिजर्व बैंक की संदर्भ दर का उपयोग किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि संपत्ति के उचित बाजार मूल्य के निर्धारण के लिए उसकी कीमत का आकलन अगर रिजर्व बैंक द्वारा मनोनीत स्वीकार्य मुद्राओं के अलावा अन्य करेंसी में होता है तो उसे उस दिन उस देश के केंद्रीय बैंक के संदर्भ दर के आधार पर अमेरिकी डालर में बदला जाएगा। उसके बाद डालर के मूल्य को रुपएमें बदला जाएगा।
 
अघोषित संपत्ति रखने वाले लोगों को भेजे जाने वाले नोटिस का प्रारूप भी अधिसूचित किए गए नियमों में दिया गया है। साथ ही आयुक्त (अपील) तथा अपीलीय न्यायाधिकरण को किए जाने वाली अपील का भी प्रारूप दिया गया है। 
 
नियमों में गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के इक्विटी शेयर के उचित मूल्य के आकलन का फार्मूला भी दिया गया है। साथ ही इसमें साझेदारी फर्म, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स या सीमित जवाबदेही साझेदारी (एलएलपी) में व्यक्ति के हितों के आकलन के लिए तरीका बताया गया है। 
 
नियम यह भी कहता है कि अगर विदेशी आय की घोषणा करने वाले व्यक्ति के पास पैन (स्थाई खाता संख्या) नहीं है तो उसे इसके लिए आवेदन करना होगा। इसमें अनुपालन की मोहलत अवधि के तहत संपत्ति की घोषणा करने वाले व्यक्ति के लिए संशोधित घोषणा जमा करने का भी प्रावधान है। 

नियमों के अनुसार कर वसूली अधिकारी का भुगतान नोटिस प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को कर देना होगा। (भाषा)