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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 21 अक्टूबर 2023 (20:41 IST)

Same Sex Marriage : समलैंगिक विवाह को लेकर पूर्व जजों का बड़ा बयान, बोले- ऐसे विवाह भारत की संस्कृति नहीं

Same Sex Marriage : समलैंगिक विवाह को लेकर पूर्व जजों का बड़ा बयान, बोले- ऐसे विवाह भारत की संस्कृति नहीं - Big statement of former judges regarding gay marriage
Same Sex Marriage Case : पूर्व न्यायाधीशों के एक समूह ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए शनिवार को कहा कि यह वैधानिक प्रावधानों, संस्कृति और नैतिकता की व्याख्या का एक मिश्रण है।
 
पूर्व न्यायाधीशों ने एक बयान में दावा किया कि इस फैसले को ‘एलजीबीटीक्यू प्लस’ समुदाय और उसके एक छोटे हिस्से को छोड़कर समाज से जबरदस्त सराहना मिली है। उन्होंने फैसले के विभिन्न बिंदुओं का हवाला देते हुए कहा कि यह फैसला भारतीय संस्कृति, लोकाचार और विरासत के संदर्भ में प्रासंगिक है।
 
प्रमोद कोहली, एसएम सोनी, एएन ढींगरा और आरसी चव्हाण सहित उच्च न्यायालय के 22 पूर्व न्यायाधीशों ने इस बारे में अपनी टिप्पणी की है। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा था कि कानून द्वारा मान्यता प्राप्त विवाह को छोड़कर शादी का कोई असीमित अधिकार नहीं है।
 
पूर्व न्यायाधीशों ने अपने बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट रूप से फैसला सुनाया है कि ऐसे विवाहों को मान्यता देने के लिए प्रावधान करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है और यह संसद के अधिकार क्षेत्र में है।
 
उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि न्यायालय का अधिकार क्षेत्र संवैधानिक और वैधानिक प्रावधानों की व्याख्या करना है और विधायी कार्यों से संबंधित अधिकार क्षेत्र संबंधित विधायिका के पास है। उच्चतम न्यायालय की पांच-सदस्‍यीय संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से मंगलवार को गोद लिए जाने से जुड़े एक नियम को बरकरार रखा था, जिसमें अविवाहित और समलैंगिक जोड़ों के बच्चा गोद लेने पर रोक है।
 
पूर्व न्यायाधीशों ने कहा कि समलैंगिकों के गोद लेने के अधिकार को भी अदालत ने मान्यता नहीं दी है और यह दृष्टिकोण सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैधानिक प्रावधान किसी एक व्यक्ति के गोद लेने के अधिकार को भी प्रतिबंधित करते हैं।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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