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Last Updated : मंगलवार, 24 मई 2016 (14:17 IST)

IS के वीडियो में नजर आए बटला हाउस मुठभेड़ के संदिग्‍ध

IS के वीडियो में नजर आए बटला हाउस मुठभेड़ के संदिग्‍ध - batla house encounter
आतंकी संगठन आईएसआईएस की ओर से हाल में जारी एक नए वीडियो में जिसमें उन्होंने भारतीय लड़ाकों को दिखाया था और गुजरात और कश्मीर का बदला लेने की बात की थी, उसमें और दूसरे वीडियो में इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकियों की पहचान हुई है। इनमें मे से एक वीडियो में नजर आ रहे दोनों आतंकी बटला हाउस मुठभेड़ के संदिग्ध बताए जा रहे हैं।
एक न्‍यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में नजर आ रहा एक संदिग्‍ध आतंकी आतंकी अबू राशिद है और दूसरे आतंकी का नाम मोहम्‍मद साजिद है। राशिद बटला हाऊस एनकाउंटर के बाद से फरार है, जबकि साजिद अहमदाबाद और जयपुर ब्‍लास्‍ट में शामिल था।
 
दोनों संदिग्‍ध आतंकी साल 2008 के बटला हाउस कांड के बाद से फरार चल रहे हैं। दोनों आतंकियों के वीडियो में कथित तौर पर दिखने के बाद सियासत तेज हो गई है। साजिद और राशिद यूपी के आजमगढ़ के संजारपुर के रहने वाले हैं। दोनों बटला कांड के बाद से फरार चल रहे थे। अब वीडियो सामने आने के बाद से सुरक्षा एजेंसियां उसकी तस्दीक में जुट गई हैं। 
 
शुरुआती जांच में सुरक्षा एजेंसियों को वीडियो में साजिद की मौजूदगी के ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं। इन दोनों आतंकियों की पुरानी तस्‍वीरें राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पास हैं। आईएसआईएस के वीडियो में नजर आने के बाद एजेंसियों ने दावा किया है कि ये दोनों संभवत: वही हैं। बता दें कि एनआईए ने दोनों आतंकियों पर दस-दस लाख रुपए के इनाम का ऐलान कर रखा है। ये आजमगढ़ मॉड्यूल्स के तौर पर काम करते थे। बटला हाउस एनकाउंटर को ऑपरेशन बटला हाउस के नाम से जाना जाता है। 
 
19 सितंबर, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में एक आरोपी गिरफ्तार हुआ था। एनकाउंटर का नेतृत्व कर रहे दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहनचंद शर्मा इसमें शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में शामिल दो आतंकी फरार हो गए थे। इसके बाद इस मामले में सियासत काफी तेज हो गई थी।

कांग्रेस सरकार ने छोड़ दिया था इस आतंकवादी को: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आईएसआईएस के एक वीडियो में दिल्ली के बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में छोड़े गए एक आतंकवादी को दिखाए जाने को लेकर कांग्रेस पर आज निशाना साधा और कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में तुष्टीकरण को राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा तरजीह दी। 
 
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि बाटला हाउस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए थे और दो आतंकवादी मारे गए थे। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पुलिस अधिकारी की शहादत की बजाय आतंकवादियों की मौत पर, बकौल कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद‘रात भर रोयीं थीं’। उस दौरान कांग्रेस नेताओं ने तुष्टीकरण की राजनीति में राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रख दिया था। 
 
शर्मा ने कहा कि इशरत जहां मामले में देश और दुनिया भर की खुफिया एजेंसियां उसे आतंकवादी बता रहीं थीं लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने अपनी सुरक्षा एजेंसियों को आपस में लड़ाने का काम किया। मुंबई हमले के बाद जब दुनिया भर में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ रहा था तब संप्रग सरकार ने पाकिस्तान को घेरने की बजाय‘हिन्दू टेरर’शब्द गढ़ा और अपने ही लोगों को फर्जी आरोपों में अंदर कर दिया। उन्होंने कहा कि आज जैसे खुलासे हो रहे हैं, उससे साबित हुआ है कि कांग्रेस की नीति देश की सुरक्षा की नहीं बल्कि तुष्टीकरण की रही है जिसे देश के छद्म सेकुलर दलों एवं नेताओं का भी समर्थन मिला। जबकि भाजपा का रुख हमेशा सही रहा है।