2024 में रामभक्तों को दर्शन देंगे रामलला, प्रवेश और निकास के लिए होंगे 13 द्वार
अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम काफी तीव्र गति से चल रहा है। 2024 में मकर संक्रांति के उपरांत शुभ मुहर्त में रामलला गर्भगृह में विधिवत विराजमान होंगे और श्रद्धालु भी उनके दर्शन कर सकेंगे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल मे 14 दरवाजे होंगे जिसमें से 13 दरवाजों से राम भक्त राम मंदिर में प्रवेश व निकास कर सकेंगे।
कैसा होगा श्रीराम जन्मभूमि का प्रथम तल का स्वरूप : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण का कार्य बड़ी ही तीव्र गति से चरणबद्ध तरीके से चल रहा है।
दिसंबर 2023 तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा होने की पूरी कोशिश की जा रही है ताकि जनवरी 2024 मे मकर संक्रांति के उपरांत रामलला को गर्भगृह में विराजमान कराया जा सके।
परकोटे का आकार बढ़ा : उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर के परकोटे का आकार बढ़ा दिया गया है। पहले इसका आकर 6 एकड़ का था, जिसमें एक साथ 25 हजार श्रद्धालु आ सकते थे, जिसे अब बढ़ाकर 8 एकड़ कर दिया गया है, जिसके बाद अब एक साथ 50 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं, जिसका निर्माण 15 दिसंबर से शुरू भी हो जाएगा। राम मंदिर के अंदर परकोटा के अंदर परिक्रमा के मार्ग की चढ़ाई का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसकी चौड़ाई 16 रखी गई है और ऊंचाई 18 से 21 फुट होगी।
प्रवेश और निकास के लिए 13 दरवाजे : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल मे 14 दरवाजे होंगे जिसमें से 13 दरवाजों से राम भक्त राम मंदिर में प्रवेश व निकास कर सकेंगे। राम मंदिर में लगे ये सभी दरवाज़े भी आकर्षण का केंद्र होंगे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह का भी निर्माण कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। गर्भगृह का मुख्य आकर्षण सफेद संगमरमर के नक्कासीदार तराशे गए पत्थर होंगे, जिनके तराशने का काम पूरा हो गया है। जल्द ही ये पत्थर अयोध्या पहुंच जाएंगे।
रामायण पर आधारित 800 चित्र : उन्होंने बताया कि मंदिर के परकोटे में रामायण पर आधारित 800 चित्र भी होंगे, जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं व राम भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे। कामेश्वर ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक जाने के लिए राम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ व राम पथ का भी निर्माण जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है, जो कि दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल के पूर्ण होने के उपरांत और श्रीरामलला के गर्भ गृह में विराजमान होने के उपरान्त यह माना जा रहा है कि अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं व राम भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी साथ है पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी जिसकी तैयारी भी उत्तर प्रदेश सरकार व प्रशासन कर रहा है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala