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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 28 जुलाई 2015 (21:00 IST)

व्हीलचेयर पर पहुंचे, मगर डॉ. कलाम को उठकर सैल्यूट किया

व्हीलचेयर पर पहुंचे, मगर डॉ. कलाम को उठकर सैल्यूट किया - Arjan Singh, APJ Kalam
नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे कलाम का पार्थिव शरीर जब शिलांग से नई‍ दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने 'पुष्प चक्र' अर्पित कर सलामी दी। सलामी देने के लिए भारतीय वायुसेना के पूर्व एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह भी व्हीलचेयर पर पहुंचे, मगर उन्होंने उठकर सैल्यूट किया।
96 बरस के अर्जन सिंह वायुसेना की ड्रेस में व्हीलचेयर पर एयरपोर्ट के भीतर पहुंचे थे। विमान आने में कुछ देर थी, तब तक वे व्हीलचेयर पर ही बैठे रहे। जब तिरंगे में लिपटी डॉ. कलाम की पार्थिव देह को बाहर लाकर श्रद्धांजलि दी जा रही थी, तब अर्जन सिंह वायुसेना के ही एक सहयोगी का सहारा लेकर देह तक पहुंचे और कड़क सैल्यूट करके अपनी श्रद्धांजलि दी। 
 
इसके बाद सहयोगी ने उन्हें स्टिक थमा दी और वे उसके सहारे अपनी व्हीलचेयर तक पहुंचे। कलाम के प्रति इससे बड़ा आदर और क्या हो सकता है कि अर्जन सिंह जैसे शख्स अपने पूर्व चीफ को आखरी सैल्यूट मारने के लिए बाकायदा एयर चीफ मार्शल की वर्दी में आए थे। 
 
उल्लेखनीय है कि अर्जन सिंह ऐसे पहले अधिकारी थे, जिनका प्रमोशन फाइव रैंक के लिए हुआ था। 1919 में जन्मे अर्जन सिंह को 1944 में फ्लाइंग क्रॉस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
 
उन्होंने 1945 में आईएएफ प्रदर्शन फ्लाइट का नेतृत्व किया था। पद्म विभूषण से सम्मानित अर्जन सिंह अगस्त 1969 में सेवानिवृत्त हुए और इसके बाद उन्होंने स्विट्‍जरलैंड का राजदूत बनने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। वे भारतीयों और वायुसेना की एक पूरी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।